बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसा के खिलाफ काशी में आक्रोश, महिलाओं ने फूंका मुख्यमंत्री ममता का पुतला, केंद्र सरकार से की यह मांग

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वाराणसी। एक तरफ देश भारत के संविधान निर्माता का जन्म जयंती मना रहा है और दूसरी ओर पश्चिम बंगाल सरकार की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुलेआम संविधान की धज्जी उड़ा रही है। मुर्शिदाबाद में वक्फ बिल के विरोध के नाम पर घुसपैठिये बांग्लादेशी मुसलमानों ने हिन्दुओं के घरों को आग लगा दिया, हिन्दू महिलाओं के साथ व्यभिचार किया और बच्चों को मारा। महिलाओं को खुलेआम कह रहे हैं कि अपने पति को छोड़कर मेरे साथ रहो। लाचार हिन्दुओं की दास्तान पश्चिम बंगाल में दिखाई दे रही है। खुलेआम हिंसा को ममता बनर्जी सरकार का समर्थन हासिल है। मुर्शिदाबाद में भयानक हिंसा से हिन्दू पलायन करने को मजबूर है।

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इस घटना से आक्रोशित होकर विशाल भारत संस्थान के सामाजिक कार्यकर्त्ताओं एवं महिलओं ने लमही के सुभाष मन्दिर के सामने ममता बनर्जी का पुतला फूंका और ममता बनर्जी को बर्खास्त करने और गिरफ्तार करने की मांग भारत के प्रधानमंत्री से की। महिलाओं ने तख्ती लेकर प्रदर्शन किया जिस पर लिखा था- देश की जनता करे पुकार, हिन्दुओं को बचा लो सरकार। वक्फ बिल तो बहाना है, देश का हिन्दू निशाना है। ममता बनर्जी को गिरफ्तार करो। आक्रोशित महिलाओं ने कहा कि ममता महिलाओं और बच्चों का दर्द नहीं समझती। वो केवल वोट बैंक के लिए काम कर रही हैं।

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इस अवसर पर विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि पश्चिम बंगाल हिन्दुओं के लिए असुरक्षित हो गया है। किसी न किसी बहाने हिन्दुओं को खुलेआम मारा जा रहा है। उनको भगाकर उनकी जमीनों पर कब्जा किया जा रहा है। हिन्दू महिलाओं के साथ रेप हो रहे है। हिन्दू घरों को छोड़कर पलायन कर रहे हैं। अपने ही देश में हिन्दू इस्लामी जिहाद का शिकार हो रहा है। अरबी, तुर्की, मुगल और अब बांग्लादेशी मुसलमान हिन्दुओं पर अत्याचार कर रहे हैं। इन पर तभी लगाम लगेगी, जब बेलगाम ममता जैसी नेताओं को जेल भेजा जाएगा।

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मुस्लिम महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाज़नीन अंसारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल हिन्दुओं के मानवाधिकार हनन का केन्द्र बन गया है। हिन्दुओं की चीख पूरी दुनिया को सुनाई नहीं दे रही है। यही चीख ममता बनर्जी की कब्र खोद देगी। अब ऐसे नेतओं का पूर्ण बहिष्कार होना चाहिए।

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इस अवसर पर डॉ० मृदुला जायसवाल, सरोज देवी, अमित राजभर, खुशी रमन भारतवंशी, इली भारतवंशी, उजाला भारतवंशी, अनिता जायसवाल, सुनीता श्रीवास्तव, गीता, उर्मिला, प्रभावित, चन्दा, नगीना, पार्वती, कविता, बेचना, विरेन्द्र प्रताप राय, नितिश राजभर, शिवसरन सिंह, अफरोज, फिरोज आदि लोग मौजूद रहे।
 

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