काशी के घाटों पर गंदगी और सिल्ट से श्रद्धालुओं की परेशानी, कीचड़ से होकर गुजरे पिंडदान और तर्पण करने आए श्रद्धालु
वाराणसी। गंगा का जलस्तर कम होने के बाद भी घाटों पर जमा सिल्ट और कीचड़ को साफ न किए जाने से स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं में निराशा है। अस्सी घाट पर पितृपक्ष के अंतिम दिन तर्पण करने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे, लेकिन घाटों पर फैले कीचड़ के कारण उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। नगर निगम द्वारा सफाई का काम न किए जाने से लोग नाराज हैं और घाटों की बदतर स्थिति को लेकर नगर निगम और प्रशासन पर सवाल उठा रहे हैं।
श्रद्धालुओं का कहना है कि गंगा का जलस्तर घटे हुए लगभग एक सप्ताह हो चुका है, लेकिन अब तक घाटों पर जमा सिल्ट को हटाने की कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। लोग कीचड़ में फंसते हुए स्नान और तर्पण करने के लिए मजबूर हैं। पितृपक्ष के समापन के दिन गंगा घाटों पर पितरों को तर्पण करने के लिए उमड़ी भीड़ को सफाई न होने के कारण निराशा हाथ लगी।
गंगा का जलस्तर कम होने के बाद भी घाटों की सफाई न होने से स्थानीय लोग नगर निगम को दोषी ठहरा रहे हैं। नगर निगम, जलकल विभाग और जिला प्रशासन की ओर से घाटों पर जमा सिल्ट को हटाने के लिए अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है। इस स्थिति में पिंडदान और तर्पण करने आए श्रद्धालुओं को गंदगी और कीचड़ के बीच अपने धार्मिक कर्तव्यों को पूरा करना पड़ा।
पितृपक्ष के दौरान काशी के 84 घाटों पर अपने पितरों को तर्पण करने के लिए श्रद्धालु इकट्ठा होते हैं। इस बार पितृपक्ष का समापन बुधवार को हुआ, लेकिन घाटों पर जमा सिल्ट और गंदगी ने श्रद्धालुओं की आस्था पर गहरा असर डाला। श्रद्धालुओं ने नगर निगम और प्रशासन से जल्द से जल्द घाटों की सफाई की अपील की है, ताकि आने वाले पर्वों और त्योहारों के दौरान लोगों को ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े।
वाराणसी के घाटों पर गंदगी का यह आलम तब है जब बारिश के मौसम में गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद अब धीरे-धीरे नीचे आ रहा है। जलस्तर घटने के बावजूद घाटों पर बहकर आई सिल्ट और गंदगी को हटाने में प्रशासन नाकाम रहा है।
अस्सी घाट पर होने वाली गंगा आरती के आयोजन में भी सफाई की कमी से लोगों को दिक्कतें हो रही हैं। नगर निगम की ओर से समय पर सफाई न होने के कारण कई घाटों का संपर्क टूट गया है। तीर्थ पुरोहितों और स्थानीय लोगों ने नगर निगम और जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि घाटों की सफाई को प्राथमिकता दी जाए, ताकि आने वाले धार्मिक अवसरों पर श्रद्धालुओं को कोई समस्या न हो।
अस्सी घाट पर पहुंचे तीर्थ पुरोहित दीपक कुमार पांडे ने बताया कि गंगा का जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है, लेकिन इसके बावजूद घाटों पर जमा सिल्ट अब तक साफ नहीं हुआ है। इस सिल्ट और कीचड़ के कारण तर्पण करने आए लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि श्रद्धालु इस कीचड़ से होकर गंगा स्नान कर रहे हैं और तर्पण के बाद इसी गंदगी से होकर वापस आ रहे हैं। कीचड़ इतना अधिक है कि लोगों के कपड़ों और शरीर पर चिपक रहा है, जिससे उन्हें असुविधा हो रही है।
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