मां अन्नपूर्णा मंदिर में कुम्भाभिषेक की तैयारियां पूरी, 1 से 9 फरवरी तक होंगे अनुष्ठान, सीएम योगी को भी दिया गया न्योता

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वाराणसी। काशीपुरी की पीठाधीश्वरी भगवती अन्नपूर्णा के प्राचीन मंदिर में कुंभाभिषेक का दिव्य-भव्य अनुष्ठान एक फरवरी से नौ फरवरी तक होगा। कुंभाभिषेक का मुख्य अनुष्ठान एक से सात फरवरी तक होगा। सात फरवरी को दोपहर एक बजे से होने वाले पूर्णाहुति सत्र के मुख्य अतिथि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे। इसके लिए बीते दिनों महंत शंकरपुरी ने उन्हें आमंत्रित किया था। 

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अन्नपूर्णा मंदिर के महंत गोस्वामी शंकरपुरी ने बताया कि महाकुंभाभिषेक के अंतर्गत होने वाले विविध कार्यक्रमों की शुरुआत 31 जनवरी को श्रृंगेरी पीठाधीश्वर विधुशेखरभारती महास्वामी की काशी प्रवेश स्वागत यात्रा से होगी। जबकि इस निमित्त होने वाले विभिन्न यज्ञों की पूर्णाहुति नौ फरवरी को होगी। अनुष्ठान का मुख्य केंद्र अन्नपूर्णा मठ मंदिर प्रांगण होगा। यहां समस्त अनुष्ठान प्रातः सात बजे से सायं सात बजे तक होंगे।

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श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में एकादश रुद्रा पाठ प्रत्येक सुबह साढ़े छह से सात बजे तक किया जाएगा। तीन से सात फरवरी तक प्रत्येक दिन प्रातः एवं सायं 7 बजे तक सभी अनुष्ठान होंगे।

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कार्यक्रम एक नजर में

-    31 जनवरीः काशी प्रवेश स्वागत यात्रा अपराह्न चार बजे नई सड़क स्थित सनातन धर्म इंटर कॉलेज से अन्नपूर्णा मंदिर तक। 
-    1 फरवरी : जलयात्रा प्रातः सात बजे अन्नपूर्णा मंदिर से दशाश्वमेध घाट तक। मंदिर लौटने पर सर्वप्रायश्चित पंचगव्य प्राशनादि, श्रीगंगा पूजन, तीर्थानयन 
-    2 फरवरी: प्रातः सात बजे से कोटि कुमकुमार्चन प्रारंभ, सहस्र चंडी महायज्ञ आरंभ। 
-    3 फरवरी: प्रातः सात बजे से गुरु प्रार्थना, श्रीगणेश पूजन, स्वस्ति पुण्याह वाचनादि, महासंकल्प, आचार्य- ब्रह्मादि ऋत्विग्करण, पीठों पर देवताओं का आवाहन, पूजन, हवन, मूर्ति संस्कार, शाति, बिंबशुद्धि, जलाधिवास आदि। 
-    4 फरवरी: प्रातः सात बजे से अधिवास, हवन, पंचविंशति कलशों द्वारा महास्वपन के उपरांत वखाधिवास, धान्याधिवास, फलाधिवास आदि अधिवासन। इसके उपरांत भगवती प्रतिष्ठा-कुम्भाभिषेक समारोह एवं केदारघाट स्थित श्रृंगेरी मठ में महारुद्र यज्ञ आरंभ। 

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-    5 फरवरी: प्रातः सात बजे से अधिवास हवन, शय्याधिवास, प्रणवादि षोडश तत्त्व न्यास। 
-    6 फरवरी प्रातः सात बजे से अधिवास हवन, मूलमंत्र न्यास आदि, खपन कलश स्थापन, मूलमंत्र हवनादि। सहस्र चंडी महायज्ञ की पूर्णाहुति। 
-    7 फरवरी: प्रातः सात बजे से प्रतिष्ठांग हवन, शुभ मुहूर्त में देवता मूर्तिप्रतिष्ठा, कुम्भाभिषेक, अर्चन, महानीराजन, पूर्णाहुति प्रासाद शिखर कुम्भाभिषेक दर्शन। सायं पांच बजे से महमूरगंज स्थित श्रृंगेरी मठ में गुरु वंदन, 
-    8 फरवरी: अन्नपूर्णा मंदिर में कोटि कुमकुमार्चन एवं शृंगेरी मठ में महारुद्र यज्ञ की पूर्णाहुति।
-    9 फरवरी: कुमकुमार्चन की पूर्णाहुति ।

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यज्ञ मण्डप में आवाहित देवताओं का पूजन, मूलमंत्र हवन, महानीराजन। चारों वेदों का पारायण, अठारह पुराणों का पारायण किया जाएगा।
 

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