ऊर्जा मंत्री ने वाराणसी में बिजली व्यवस्था की समीक्षा की, रिश्वत मांगने की शिकायत पर दी सख्त हिदायत, बोले, गर्मी में हो निर्बाध बिजली आपूर्ति

वाराणसी। प्रदेश के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने वाराणसी में पूर्वांचल डिस्कॉम की विद्युत आपूर्ति एवं व्यवस्था की व्यापक समीक्षा की। सर्किट हाउस में आयोजित बैठक में मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ग्रीष्मकाल में उपभोक्ताओं को निर्बाध और सुचारु विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, साथ ही किसी भी तरह की लापरवाही, भ्रष्टाचार अथवा उपभोक्ता शोषण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस दौरान जनप्रतिनिधियों द्वारा बिजलीकर्मियों की ओर से उपभोक्ताओं से रिश्वत मांगने की शिकायत की। इस पर मंत्री ने गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए हिदायत दी कि जांच में यदि आरोप सही साबित हुए तो संबंधित अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई तय है।
ऊर्जा मंत्री ने पिछले ग्रीष्मकाल में विद्युत आपूर्ति में आए व्यवधानों की समीक्षा करते हुए आगामी गर्मी के मौसम के लिए की जा रही तैयारियों की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि महत्वपूर्ण स्थानों पर Multiple Source और RMU की स्थापना के साथ अनुरक्षण कार्यों को भी प्राथमिकता से पूरा किया जाए। प्रबंध निदेशक, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्वारा बताया गया कि वर्तमान में वाराणसी का कुल विद्युत लोड 2152 मेगावॉट है, जो 2030 तक 2976 मेगावॉट तक पहुंचने की संभावना है। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखकर विद्युत अधोसंरचना के विकास की योजनाएं बनाई जा रही हैं। वर्ष 2023-24 के अंतर्गत 1329 कार्यों में से 1326 कार्य पूर्ण हो चुके हैं, वहीं वर्ष 2024-25 में 1219 में से 829 कार्यों की प्रगति हो चुकी है।
वर्ष 2025-26 में ₹28.08 करोड़ की लागत से प्रोटेक्शन सिस्टम, जर्जर केबल्स, वीसीबी, एलए, आरएमयू, सीआरपी और अर्थिंग सिस्टम को बदले जाने के कार्य प्रस्तावित हैं। इसके अतिरिक्त शहर के विभिन्न हिस्सों में ओवरहेड लाइनों को अंडरग्राउंड किया जा रहा है। आरडीएसएस योजना के तहत ₹448.5 करोड़ के कार्य भी पूर्ण हो चुके हैं। भारत सरकार की Modernization Scheme के अंतर्गत वाराणसी में ₹1400 करोड़ की परियोजनाएं स्वीकृत हुई हैं, जिसमें 16 नए उपकेंद्रों का निर्माण, SCADA प्रणाली, RMU एवं सेक्शनलाइज़र की स्थापना शामिल है।
ऊर्जा मंत्री ने जनप्रतिनिधियों से भी फीडबैक लिया। कई जनप्रतिनिधियों ने उपभोक्ताओं से रिश्वत मांगने की शिकायतें कीं, जिस पर मंत्री ने कहा कि ऐसे मामलों में साक्ष्य मिलने पर संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने दोहराया कि बिजली कनेक्शन देने में अनावश्यक अड़ंगे, बेवजह शटडाउन और झूठे बहानेबाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ट्रांसफॉर्मर या पोल को विवादित स्थानों या रास्तों के बीच न लगाया जाए। जर्जर तार, झूलते पोल और खुली लाइनों की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जाए ताकि दुर्घटनाएं रोकी जा सकें। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार, पूर्वांचल डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक शम्भू कुमार सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।