ओटीएस योजना की खराब स्थिति, अफसरों पर गिर रही गाज, पूर्वांचल डिस्काम के 11 अभियंता निलंबित, 41 को चार्जशीट और 60 को नोटिस
वाराणसी। बकाये बिजली बिल की वसूली में तेजी लाने के उद्देश्य से शुरू की गई बिजली विभाग की ओटीएस योजना जोर नहीं पकड़ पा रही है। योजना की खराब स्थिति पर अफसरों पर गाज गिर रही है। इसको लेकर एमडी शंभु कुमार नाराज हैं। उन्होंने पूर्वांचल-डिस्कॉम के अधीन 21 जनपदों में कार्यरत 11 अवर अभियंताओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। 41 को चार्जशीट व 60 को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। लगातार कार्रवाई से महकमे में हड़कंप मचा है।
ओटीएस योजना के रफ्तार न पकड़ने को अधिकारियों की सुस्ती माना जा रहा है। इस पर एमडी ने सख्त रुख अख्तियार किया है। उन्होंने 17 एसडीओ को कारण बताओ नोटिस जारी करने के साथ ही तीन पर निलंबन की कार्रवाई की है। एक अधिशासी अभियंता को भी निलंबित किया और नौ अधीक्षण अभियंताओं को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पूर्वांचल-डिस्कॉम में एक करोड़ तीन लाख लोगों पर करीब 17 हजार 140 करोड़ बकाया है। 2637 प्राइवेट संस्थानों पर 34 करोड़, 11630 स्माल इंडस्ट्रीज पर 484 करोड़, तीन किलोवाट वाले दो लाख उपभोक्ताओं पर 2440 करोड़, तीन किलोवाट से ज्यादा भार वाले 25 हजार उपभोक्ताओं पर 570 करोड़ रुपया बकाया है। एक किलोवाट वाले 40 लाख उपभोक्ताओं पर 9844 करोड़, दो किलोवाट वाले 61 लाख उपभोक्ताओं पर 3753 करोड़ बकाया है।
वाराणसी द्वितीय जोन और मीरजापुर जोन के चीफ इंजीनियर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। बस्ती के अधीक्षण अभियंता को चार्जशीट, गोरखपुर जोन के दो, मीरजापुर के दो, प्रयागराज जोन-द्वितीय जोन के दो और वाराणसी जोन-द्वितीय के एक अधीक्षण अभियंता को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उधर, डिस्कॉम के 31 अधिशासी अभियंताओं को भी कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पांच पर चार्जशीट व दो के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया है। इस कार्रवाई से हड़कंप मचा है।
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