देव दीपावली पर्व की तैयारियों का पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल और एडीजी ए सतीश गणेश ने किया निरीक्षण, दिए कड़े सुरक्षा निर्देश

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वाराणसी। देव दीपावली पर्व पर काशी को सुरक्षित, व्यवस्थित और शांतिपूर्ण बनाए रखने के उद्देश्य से पुलिस कमिश्नर वाराणसी मोहित अग्रवाल मंगलवार को लगातार घाटों का भ्रमण कर तैयारियों का जायजा ले रहे हैं। उन्होंने अपर पुलिस महानिदेशक यातायात ए. सतीश गणेश के साथ नौका से गंगा तट के प्रमुख घाटों का निरीक्षण किया और श्रद्धालुओं की सुरक्षा, वीआईपी आगमन, भीड़ प्रबंधन, नौका संचालन, यातायात व्यवस्था और कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की।

पुलिस आयुक्त ने राजघाट से लेकर अस्सी घाट तक सभी प्रमुख घाटों का निरीक्षण कर संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि देव दीपावली पर लाखों श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए हर अधिकारी और जवान को अपनी जिम्मेदारी पूरी तत्परता से निभानी होगी।

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नमो घाट पर विशेष तैयारियों की समीक्षा
निरीक्षण के दौरान पुलिस आयुक्त ने नमो घाट पर वीआईपी अतिथियों के स्वागत, पार्किंग और सुरक्षा व्यवस्था का विस्तृत निरीक्षण किया। साथ ही, घाटों पर आयोजित होने वाले दीपोत्सव, लेजर शो और आतिशबाजी कार्यक्रमों की तैयारियों की भी समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी कार्यक्रम निर्धारित समय पर और सुरक्षा मानकों के अनुरूप ही संचालित किए जाएं।

श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता
भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा की दृष्टि से सभी प्रमुख घाटों पर सुदृढ़ बैरिकेडिंग की गई है। पुलिस बल को प्रवेश और निकास मार्गों पर तैनात कर ब्रीफ किया गया है। गंगा नदी में नौकाओं के संचालन के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं- प्रत्येक नाव में निर्धारित सवारी सीमा का पालन, लाइफ जैकेट का अनिवार्य उपयोग और केवल अनुभवी नाविकों द्वारा संचालन सुनिश्चित किया गया है।

नो-फ्लाई जोन घोषित, ड्रोन पर पूर्ण प्रतिबंध
गंगा घाट क्षेत्र को पूर्णतः नो-फ्लाई जोन घोषित किया गया है। सुरक्षा कारणों से ड्रोन और अन्य उड़ने वाले यंत्रों के संचालन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। पुलिस आयुक्त ने निर्देश दिया कि इसका सख्ती से पालन कराया जाए, ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर कोई जोखिम न हो।

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एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और गोताखोर दल मुस्तैद
गंगा घाटों पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और गोताखोर दल तैनात किए गए हैं, जो किसी भी आपात स्थिति में तत्काल बचाव कार्य के लिए तैयार रहेंगे। इसके साथ ही, गंगा नदी में फ्लोटिंग डिवाइडर्स लगाए गए हैं, जिससे नौकाओं के आवागमन मार्ग को अलग-अलग किया गया है।

घाटों पर बढ़ाई गई निगरानी
सुरक्षा मानकों को सुदृढ़ करने के लिए प्रत्येक घाट पर डीएफएमडी (Door Frame Metal Detector) लगाए गए हैं। पुलिस आयुक्त ने स्वयं इन उपकरणों की कार्यप्रणाली की जांच कर यह सुनिश्चित किया कि वे सतत रूप से कार्यरत रहें। इसके अतिरिक्त, वॉच टावरों पर पुलिस कर्मियों को पी.ए. सिस्टम के साथ तैनात किया गया है, ताकि भीड़ नियंत्रण में सहूलियत हो सके।

फायर टेंडर और बचाव दल अलर्ट मोड पर
देव दीपावली के दौरान किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए फायर टेंडर, मोटर बोट और फायर टीमों को सभी घाटों और प्रमुख स्थलों पर तैनात किया गया है। अग्निशमन उपकरणों की जांच कर सभी टीमों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।

पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने कहा कि “देव दीपावली काशी की आस्था, संस्कृति और पहचान का पर्व है। हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि यह आयोजन पूरी तरह सुरक्षित, शांतिपूर्ण और भव्य रूप से संपन्न हो।”

भव्य दीपों की जगमगाहट के बीच काशी में सुरक्षा के इतने सख्त और सुनियोजित इंतजामों के साथ इस वर्ष की देव दीपावली न केवल दिव्यता बल्कि अनुशासन का भी प्रतीक बन रही है।

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