बरकी से पूर्वांचल को साधने की कोशिश करेंगे पीएम मोदी, मंच से धारा 370 समेत कई मुद्दों पर करेंगे बात, देंगे करोड़ों की सौगात 

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वाराणसी। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सभी पार्टियों ने कमर कस ली है। बीजेपी समेत विपक्षी गठबंधन इण्डिया समेत अन्य क्षेत्रीय पार्टियां भी अपना वोट बैंक साधने में जुट गई हैं। वर्तमान में देश की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी ने तीन राज्यों में बहुमत से जीत के बाद लोकसभा चुनाव का आगाज़ कर दिया है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जनपद में आगमन हो रहा है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी आ रहे हैं। तीन राज्यों में जीत के बाद यूपी में उनकी यह पहली जनसभा होगी। यहां वह कार्यकर्ताओं को चुनावी मंत्र देंगे। यह जनसभा वाराणसी के बरकी गांव में आयोजित होगी। यहां से पीएम वाराणसी समेत पूर्वांचल साधने की कोशिश करेंगे। पीएम यहां से वाराणसी को हजारों करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण करेंगे। 

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दरअसल, चुनावी जनसभा के लिए बीजेपी अक्सर ऐसा क्षेत्र चुनती है, जो आसपास के कई क्षेत्रों को प्रभावित करता है। जहां से वोटों की पकड़ मजबूत होती है। बीजेपी यूपी में हमेशा से यही फ़ॉर्मूला अपनाती रहती है। फिर चाहे पूर्वांचल हो या पश्चिमी यूपी। बीजेपी ने हमेशा से यही दांव खेला है और सफल भी हुई है। इस बार प्रधानमंत्री के जनसभा के लिए बरकी को क्यों चुना गया। इसके पीछे भी बड़े कारण हैं। राजनीति विशेषज्ञों के मुताबिक, यहां से पूर्वांचल के कई जिलों को साधने में आसानी होगी। इसके साथ ही पीएम जातिगत राजनीति साधने वालों पर पलटवार कर सकते हैं। 

राजनीति के जानकर बताते हैं कि तीन राज्यों में जीत के बाद जिस तरह से ओबीसी मुख्यमंत्री बनाया गया। बरकी और आसपास के क्षेत्रों में अति पिछड़ा वर्ग, ओबीसी समेत ब्राह्मणों की संख्या काफी ज्यादा है। बरकी एक ऐसा क्षेत्र है, जो 6 लोकसभा सीटों से लगायत है। इसमें मिर्जापुर, चंदौली, भदोही, बनारस और जौनपुर के जिले शामिल हैं। तीन राज्यों में जीत के बाद पूर्वांचल में वह अपनी पहली जनसभा करने जा रहे हैं। 

विपक्ष से अब तक नहीं मिली है चुनौती

राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक, बरकी के जनसभा में पीएम मोदी तीन राज्यों में नए मुख्यमंत्री बनाए, उसका कारण भी बताएंगे। बहुमत से इतनी बड़ी जीत के बाद पीएम कौन सा मंत्र कार्यकर्ताओं को देंगे इस पर सभी की नजरें होंगी। इसके साथ ही विपक्षी गठबंधन में मुख्यमंत्री का चेहरा बताए जा रहे नीतीश कुमार की भी सभा वाराणसी में 24 दिसम्बर को होने वाली थी। जो कि फ़िलहाल रद्द हो गयी है। विपक्ष ने नरेंद्र मोदी को उनके ही संसदीय क्षेत्र में घेरने की कोशिश की थी। अभी तक विपक्ष के ओर से नरेंद्र मोदी को कोई चुनौती नहीं दी गई है। 

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बीजेपी ने हमेशा की है समाजवाद की कमजोर नींव पर चोट

बात बनारस सीट की करें तो बनारस में इस लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इसमं  डेढ़ लाख कुर्मी, डेढ़ लाख यादव और 80 हजार दलित हैं। लगभग 19 लाख की जनसंख्या ओबीसी और दलित बाहुल्य हैं। जो इस सेवापुरी और आसपास के क्षेत्र में हैं। 60 साल के चुनावी इतिहास में राजनारायण ने यहां समाजवाद की नींव रखी थी। भाजपा ने हमेशा से इसी नीँव पर चोट करने का काम किया है। पिछले चुनाव में बीजेपी के सहयोगी दल [सोनेलाल] के प्रत्याशी नीलरतन पटेल ने समाजवादी पार्टी के सुरेंद्र सिंह पटेल को 49,182 वोटों से हराया था। वहीं बहुजन समाज पार्टी के महेंद्र कुमार पाण्डेय को कुल 35,657 वोट मिले थे। ऐसे में सेवापुरी क्षेत्र भाजपा के लिए खास हो जाता है। 

पूर्वांचल से कनेक्टेड है बरकी

बात बरकी ग्रामसभा से पूर्वांचल के कनेक्टिविटी की करें, तो सेवापुरी विकासखंड में 192 गांव हैं। भदोही और मिर्जापुर बॉर्डर से सटे ग्रामीण क्षेत्र सेवापुरी विधानसभा क्षेत्र में कनेक्टिविटी मजबूत हुई है। इस क्षेत्र में तेजी से सडकों का जाल बिछा है। इस क्षेत्र से रिंग रोड की कई सड़कें गुजरी हैं। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर पेरिशेबल कार्गो, सरदार वल्लभ भाई पटेल महाविद्यालय, शहंशाहपुर में बायो गैस प्लांट जैसी योजनाओं का असर भी इस पूरे क्षेत्र पर पड़ रहा है। इतना ही नहीं, इसी विधानसभा सीट के तान गांवों जयापुर, नागपुर और बरियारपुर को पीएम मोदी ने सांसद आदर्श गांव के तहत गोद लिया था। वहीं नीति आयोग की ओर से पायलट प्रोजेक्ट में सिलेक्टेड सेवापुरी ब्लॉक मॉडल ब्लॉक बना है। 

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कई मुद्दों पर बात करेंगे मोदी

राजनीति के जानकर बताते हैं कि इस बार प्रधानमंत्री के पास बोलने के लिए बहुत कुछ है। सनातन के खिलाफ बयानबाजी से लेकर तीन राज्यों में जीत की हैट्रिक के बारे में भी मोदी बात कर सकते हैं। इसके अलावा पीएम धारा 370 को लेकर सुप्रीमकोर्ट के आए फैसले को लेकर भी वह अपने काम के बारे में बात कर सकते हैं। 

बता दें कि सेवापुरी विधानसभा जनपद के ग्रामीण क्षेत्र में आता है। इस क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 3,45,294 है। वर्ष 2012 में परिसीमन के बाद सेवापुरी विधानसभा सीट अस्तित्व में आई थी। ऐसे में यहां मतदाताओं के साथ ही पूर्वांचल के आस-पास के जिलों को भी पीएम मोदी साधने का काम करेंगे। 
 

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