दुनिया के सबसे बड़े मेडिटेशन सेंटर का पीएम ने किया लोकार्पण, कहा – हर एक आहुति से सशक्त बनेगा राष्ट्र
यह बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उमरहां में स्वर्वेद महामंदिर के उद्घाटन के दौरान कही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वाराणसी दौरे के दूसरे दिन उमरहां में 180 फीट ऊंचे सात मंजिला स्वर्वेद महामंदिर का लोकार्पण किया। उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े मैडिटेशन सेंटर को देशवासियों को समर्पित किया।
यह मंदिर दुनिया का सबसे अनोखा मंदिर है। स्वर्वेद महामंदिर की संगमरमरी दीवारों पर स्वर्वेद के चार हजार दोहे लिखे हैं। 19 साल तक लगातार छह सौ कारीगर, दो सौ मजदूर और 15 इंजीनियर की मेहनत आज महामंदिर के पूर्ण स्वरूप में साकार हो चुकी है। स्वर्वेद महामंदिर के उद्घाटन के बाद जन सैलाब को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हर बार की तरह इस बार का भी काशी प्रवास सुखद रहा। उन्होंने कहा कि विरासत और विकास की पटरी पर आज भारत तेज गति से आगे बढ़ रहा है।
संतों के सानिध्य में काशी ने विकास और नवनिर्माण के कई कीर्तिमान गढ़े
उन्होंने कहा कि संतों के सानिध्य में काशी के लोगों ने मिलकर विकास और नवनिर्माण के कितने ही नए कीर्तिमान गढ़े हैं। सरकार, समाज और संतगण सब साथ मिलकर काशी के कायाकल्प के लिए कार्य कर रहे हैं। आज स्वर्वेद मंदिर बनकर तैयार होना, इसी ईश्वरीय प्रेरणा का उदाहरण है। ये महामंदिर महृषि सदाफल देव जी की शिक्षाओं और उनके उपदेशों का प्रतीक है। इस मंदिर की दिव्यता जितना आकर्षित करती है, इसकी भव्यता हमे उतना ही अचंभित भी करती है।
दीवारों पर उकेरी आकृतियों को देख भावविभोर हुए मोदी
पीएम ने कहा कि स्वर्वेद मंदिर भारत के सामाजिक और आध्यात्मिक सामर्थ्य का एक आधुनिक प्रतीक है। इसकी दीवारों पर स्वर्वेद को बड़ी सुंदरता के साथ अंकित किया गया है। वेद, उपनिषद, रामायण, गीता और महाभारत आदि ग्रन्थों के दिव्य संदेश भी इसमें चित्रों के जरिये उकेरे गए हैं। इसलिए ये मंदिर एक तरह से अध्यात्म, इतिहास और संस्कृति का जीवंत उदाहरण है। भारत ने कभी भौतिक उन्नति को भौगोलिक विस्तार और शोषण का माध्यम नहीं बनने दिया। भौतिक प्रगति के लिए भी हमने आध्यात्मिक और मानवीय प्रतीकों की रचना की। हमने काशी जैसे जीवंत सांस्कृतिक केंद्रों का आशीर्वाद लिया।
सरकार, समाज और संत मिलकर काशी के कायाकल्प के लिए जुटे
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार, समाज और संतगण, सब साथ मिलकर काशी के कायाकल्प के लिए काम कर रहे हैं। काशी का मतलब स्वच्छता और बदलाव है। पानी की बूंद-बूंद बचाना जरूरी है। वाराणसी में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि योग और खेल को जीवन का हिस्सा बनाएं। फिटनेस को जीवन का हिसा बनाएं। हम काशी के विकास के लिए काम कर रहे हैं। आज हमारे तीर्थों का विकास हो रहा है। कुछ हफ्तों में राम मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा।
देश अब गुलामी की सोच से मुक्त हो रहा: मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हमारी संस्कृति को निशाना बनाया गया। देश अपनी विरासत पर गर्व करना भूल गया था। अब समय का चक्र बदल गया है। देश अब गुलामी की सोच से मुक्त हो रहा है। गुलामी के कालखंड में अत्याचार हुआ। देश आधुनिकता में भी तेजी से बढ़ रहा है। उन्होने अपील की है कि मेड इन इंडिया प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें। लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा दें। लोग डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा दें। पहले देश घूमें, फिर विदेश जाने की सोचें। एक गरीब परिवार की मदद जरूर करें।
भारत सदियों तक में आर्थिक समृद्धि का रहा है उदाहरण
पीएम ने कहा कि भारत एक ऐसा राष्ट्र है जो सदियों तक विश्व के लिए आर्थिक समृद्धि और भौतिक विकास का उदाहरण रहा है। भारत ने कभी भौतिक उन्नति को भौगोलिक विस्तार और शोषण का माध्यम नहीं बनने दिया। उन्होंने कहा कि भौतिक प्रगति के लिए भी हमने आध्यात्मिक और मानवीय प्रतीकों की रचना की। सरकार, समाज और संतगण सब साथ मिलकर काशी के कायाकल्प के लिए काम कर रहे हैं। आज स्वर्वेद मंदिर का बनकर तैयार होना इसी ईश्वरीय प्रेरणा का उदाहरण है। प्रधानमंत्री स्वर्वेद मंदिर के उद्घाटन के बाद बरकी के लिए रवाना हो गए।
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