पीएम मोदी ने शंकरा आई हास्पिटल का किया उद्घाटन, बोले, बुजुर्गों की सेवा और बच्चों को नई रोशनी देगा यह अस्पताल
स्वास्थ्य क्षेत्र के बड़े हब के रूप में उभरी काशी – सीएम योगी आदित्यनाथ
110 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ है शंकरा आई नेत्रालय
1.26 लाख वर्ग फीट के भवन में फैला सुपर-स्पेशियलिटी आई हॉस्पिटल
अस्पताल में हर साल 30 हजार गरीबों के आंखों का होगा आपरेशन
वाराणसी व यूपी समेत आसपास के राज्यों के लोगों को भी मिलेगा लाभ
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को वाराणसी में शंकरा आई हास्पिटल का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लिया। उसके बाद अस्पताल का निरीक्षण कर व्यवस्थाएं देखी। इसके बाद उन्होंने वहां उपस्थित लोगों को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पवित्र मास में काशी आना यह अपने आप में पुण्य अनुभूति का अवसर है। यहां अपने काशीवासी तो हैं ही, वहीं संतजनों और परोपकारियों का भी साथ है। इससे सुख संयोग और भला क्या हो सकता है। उन्होंने कहा कि हमारे शास्त्रों में वर्णित है तमसो मां ज्योतिर्गमय। यानी अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो। यह अस्पताल वाराणसी और क्षेत्र के अनेक लोगों के जीवन का अंधकार दूर कर प्रकाश की ओर ले जाएगा। यह अस्पताल आध्यात्मिकता और आधुनिकता का संगम है। यह अस्पताल बुजुर्गों की सेवा के साथ ही बच्चों को भी नई रोशनी देगा। सीएम योगी ने काशी स्वास्थ्य क्षेत्र के बड़े हब के रूप में उभरी है। काशी की तरह यूपी के हर जनपद में पिछले 10 सालों में बेहतरीन काम हुए हैं। हर जिले में एक-एक मेडिकल कालेज की स्थापना के साथ ही डायलिसिस और सीटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। आयुष्मान आरोग्य मंदिर के जरिये गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
शंकराचार्य ने कहा कि यह नेत्रोत्सव है। नेत्र की सेवा करने का यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। लाखों लोग इससे लाभान्वित हो रहे हैं। यह 17वां अस्पताल है। उन्होंने कहा कि हमारे देश की प्रगति के पीछे का कारण हमारे देश को मिले अच्छे नेता हैं। समाज में व्यक्ति भी मुख्य और व्यक्तित्व भी मुख्य है सबको जोड़ने वाला नेता होना चाहिए। शंकरा आई फाउंडेशन, यूएसए के कार्यकारी अध्यक्ष मुरली कृष्णमूर्ति ने कहा कि यह अस्पताल वाराणसी और उसके आसपास के जिलों के लोगों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली नेत्र देखभाल सेवाएं सुलभ करेगा। उन्होंने बताया कि शंकरा आई हॉस्पिटल ने नेत्र देखभाल की बढ़ती लागत के मद्देनजर यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है, ताकि गरीब लोग भी नेत्र उपचार का लाभ उठा सकें।
शंकरा आई फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. आर.वी. रमणी ने कहा कि भारत में सबसे अधिक अंधेपन के मामले हैं और इनमें से 80% से अधिक मामलों का इलाज संभव है। उन्होंने बताया कि शंकरा आई हॉस्पिटल का लक्ष्य 2030 तक सालाना 5 लाख निःशुल्क सर्जरी करना है। वाराणसी के इस अस्पताल के साथ, यूपी के 8 जिलों और झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और बिहार के पड़ोसी राज्यों के लोगों को भी सेवाएं दी जाएंगी।
शंकरा आई फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. एस.वी. बालासुब्रमण्यम ने कहा कि फाउंडेशन का मिशन देश के ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों में नेत्र देखभाल सुविधाएं पहुंचाना है, जहां इस प्रकार की सेवाओं की बहुत आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि यह अस्पताल एक राष्ट्रीय मिशन का हिस्सा है जो नेत्र देखभाल को सभी तक सुलभ बनाने के उद्देश्य से काम कर रहा है।
शंकरा आई फाउंडेशन की ट्रस्टी बोर्ड सदस्य श्रीमती रेखा झुनझुनवाला ने बताया कि शंकरा आई हॉस्पिटल विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों तक पहुंचकर उन्हें दृष्टि का उपहार प्रदान कर रहा है। वाराणसी का यह नया अस्पताल उत्तर भारत के कई राज्यों के गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अस्पताल में मोतियाबिंद, कॉर्निया, रेटिना, ग्लूकोमा, बाल नेत्र रोग और अन्य जटिल नेत्र रोगों का उपचार किया जाएगा। इसके अलावा, अस्पताल में ओकुलोप्लास्टी, आई बैंक, कॉर्नियल ट्रांसप्लांटेशन, क्लिनिकल और माइक्रोबायोलॉजिकल लैब, फार्मेसी और ऑप्टिकल सेवाएं भी उपलब्ध हैं। शंकरा आई फाउंडेशन ने अब तक 6.7 मिलियन से अधिक रोगियों का इलाज किया है और 2.6 मिलियन से अधिक नेत्र शल्य चिकित्सा की हैं, जिससे यह नेत्र देखभाल के क्षेत्र में एक प्रमुख नाम बन चुका है।
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