आय, जाति व निवास प्रमाण पत्रों के लिए लोग लगा रहे तहसीलों के चक्कर

WhatsApp Channel Join Now

वाराणसी। उत्तर प्रदेश जनहित गारंटी अधिनियम के तहत राजस्व विभाग लोगों को आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र निर्धारित समय में आनलाइन जारी करता है। इसके बावजूद लोग प्रमाण पत्रों के लिए तहसीलदों के चक्कर लगा रहे हैं। 

thsil

राजातालाब तहसील क्षेत्र के माडल ब्लाक सेवापुरी के भोरकला गांव निवासी अजय कुमार पटेल ने 2 मार्च को अपने बेटे अमन के लिए आय जाति और निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था। निर्धारित समयावधि एक सप्ताह बीतने पर भी उन्हें प्रमाण पत्र नहीं मिला। आराजीलाईन ब्लाक के कचनार गांव के महेंद्र सोनकर ने भी अपने बच्चे को आरटीई के तहत नीजी स्कूल में दाखिला दिलाने के लिए आवेदन की औपचारिकता पूरी की। आय व जाति प्रमाण पत्र के लिए फ़रवरी में आवेदन किया। पहले चरण की अंतिम तिथि 28 फ़रवरी बीत जाने के बाद प्रमाण पत्र नहीं बनने से आरटीई आवेदन नहीं कर पाए अब बच्चे के दाखिले के लिए परेशान हैं। एक सप्ताह से तहसील से लेकर शिक्षा विभाग के जिला कार्यालय तक की दौड़ लगा रहे हैं।

यह दो मामले तो बानगी भर हैं। सैकड़ों से अधिक अभिभावक आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र के लिए राजातालाब, पिंडरा और सदर तहसीलों के चक्कर लगा कर थक चुके हैं। शायद बहुत कम लोग जानते होगे कि जनहित गारंटी अधिनियम के तहत सरकारी विभाग में हर काम का समय तय है। तय समय पर काम न होने पर आवेदक मुआवजा ले सकते हैं। इस समय ज़िले के तीनों तहसीलों में सैकड़ों से अधिक आवेदन फार्म लंबित पड़े हुए हैं। एक सप्ताह पुराने कई आवेदकों को निर्धारित समयावधि बीत जाने के बाद अभी तक आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र नहीं मिल सका है। कई आवेदकों के अकारण आवेदन ख़ारिज कर दिये जा रहे हैं। प्रमाण पत्र के लिए अभिभावक तहसीलों के चक्कर लगा रहे हैं। आरोप है कि राजस्व विभाग सर्वर ख़राब होने की बात कहकर उन्हें वापस कर दे रहा है। यह स्थिति तब है जब अभिभावकों ने एक सप्ताह पहले बाकायदा आनलाइन आवेदन कर निर्धारित शुल्क जमा कर चुके हैं।

tahsil

तकनीकी खामी बताकर पल्ला झाड़ रहे अफसर

अभिभावक प्रमाण पत्र के लिए जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों, अधिवक्ताओं से भी सिफारिशें करा रहे हैं। इसके बाद भी उनका काम नहीं हो पा रहा है। अधिकारी उन्हें भी तकनीकी खामी बताकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। अभिभावकों का आरोप है कि विभाग के ही कुछ कर्मचारी आउट साइडरों से सेटिंग-गेटिंग में भी लगे हुए हैं। इसके कारण जुगाड़ वालों को जल्द प्रमाण पत्र जारी कर दिए जा रहे हैं।
यह हाल तब है जब जनहित गारंटी अधिनियम के तहत ऑनलाइन आवेदनों को निर्धारित समय के भीतर निस्तारित करना अनिवार्य है। आय निवास एवं जाति प्रमाण पत्र 20 दिन में आवेदनों पर निर्णय लेना अनिवार्य है। यदि स्कूलों में प्रवेश के लिए आय प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया जाता है, तो उसे 7 दिनों के भीतर जारी करना आवश्यक है। अन्य आवश्यकताओं को 15 दिनों के भीतर जारी किया जाना चाहिए। निवास प्रमाण पत्र एसडीएम द्वारा जारी किया जाता है और जाति और आय प्रमाण पत्र तहसीलदार द्वारा जारी किया जाता है। तीनों में लेखपाल की रिपोर्ट जरूरी है। तीनों तहसीलों में सैकड़ों से अधिक आवेदन लंबित हैं। सबसे ज्यादा देर लेखपाल स्तर पर हो रही है। ऐसा खुद प्रशासन के अधिकारी कह रहे हैं।

tahsil

तय है प्रमाण पत्रों को जारी करने की समय सीमा

सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने बताया कि जनहित गारंटी अधिनियम में प्रमाण पत्रों को जारी करने का समय तय है। तय समय में काम न होने पर एसडीएम, डीएम के यहां प्रथम अपील की जा सकती है। अपील का माकूल निस्तारण नहीं होने पर कमिश्नर के यहां द्वितीय अपील किया जा सकता है। बिना पर्याप्त कारण के सेवा देने में विफल होने पर आवेदकों को मुआवजा देने का प्रावधान है। बिना पर्याप्त कारण के सेवा देने में विलंब किया है तो आवेदकों को 250 रूपये से पांच हजार रुपये तक विभाग की तरफ से मिलता है। बिना पर्याप्त कारण के अपीलीय अधिकारी समय से अपील का निस्तारण नहीं कर सके तो द्वितीय अपीलीय पर पांच सौ से पांच हजार रुपये तक जुर्माना की व्यवस्था है। 

तहसीलदार ने कहा-सर्वर ठीक हो गया है

राजातालाब तहसील के तहसीलदार सतीश कुमार वर्मा का कहना है कि इस समय होली के अवकाश के पहले पुरानी पेंडिंग थी। सर्वर ठीक हो गया है। व्यवस्था के तहत अभिभावक निर्धारित समयावधि में प्रमाण पत्र जारी करवा सकते हैं। पेंडेंसी तेजी से कम हो रही है। 

Share this story