काशी में ठंड से ठिठुर रहे लोग, घाटों पर अलाव की नहीं है व्यवस्था, नगर निगम की उदासीनता पर उठ रहे सवाल
वाराणसी। काशी और आसपास के जिलों में सर्दी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। ठंड से लोग ठिठुरने को मजबूर हो गए हैं और कई लोग घरों में ही दिनभर बंद रहने को विवश हैं। बावजूद इसके, नगर निगम अस्सी घाट, रिवा घाट, तुलसी घाट और गंगा महाल घाट जैसे प्रमुख घाटों पर अलाव जलाने की व्यवस्था नहीं कर रहा है।
इन घाटों पर सुबह-शाम पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। लाखों की संख्या में आने वाले पर्यटकों के अलावा घाटों की सफाई और अन्य काम करने वाले लोग भी यहां मौजूद रहते हैं। अलाव की अनुपलब्धता के चलते ठंड से कांप रहे लोगों में नगर निगम के प्रति आक्रोश बढ़ रहा है।
कुछ स्थानीय लोगों ने स्वयं से अलाव की व्यवस्था कर दूसरों को राहत देने की कोशिश की है। लेकिन घाटों पर आने वाले लोगों की बढ़ती संख्या और कड़ाके की ठंड को देखते हुए, यह अस्थायी समाधान पर्याप्त नहीं है। स्थानीय नागरिकों और पर्यटकों की मांग है कि नगर निगम जल्द से जल्द घाटों पर अलाव जलाने की उचित व्यवस्था करे, ताकि ठंड से राहत मिल सके।
गंगा घाटों पर ठंड का असर और भी ज्यादा महसूस होता है। लोग यहां घूमने या धार्मिक अनुष्ठान करने आते हैं, लेकिन कड़ाके की ठंड के बीच बीमार पड़ने का खतरा मंडरा रहा है। यदि किसी की तबीयत बिगड़ती है, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? स्थानीय लोग इस सवाल का जवाब मांग रहे हैं और नगर निगम से तुरंत कार्रवाई की अपेक्षा कर रहे हैं।
वहीं नगर निगम का दावा है कि समस्त जोन में अलाव की व्यवस्था की जा रही है। नगर निगम के ओर से वाराणसी के 461 स्थानों (रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, शेल्टर होम/रैन बसेरा, प्रमुख चाौराहों, हास्पिटल एवं अन्य स्थलो पर) पर अलाव की व्यवस्था की जा रही है।
इनमें जोनवार स्थलों की संख्या निम्नवत है:-
1. आदमपुर जोन 65 स्थान
2. भेलूपुर जोन 57 स्थान
3. दशाश्वमेंध जोन 96 स्थान
4. रामनगर जोन 35 स्थान
5. ऋषिमाण्डवी जोन 48 स्थान
6. कोतवाली जोन 35 स्थान
7. सारनाथ जोन 70 स्थान
8. वरुणापार जोन 55 स्थान