बरसात के बाद स्किन से संबंधी बीमारियों के बढ़ने लगे मरीज, अस्पतालों के ओपीडी में लगी लाइन, खुजली, त्वचा में लाल धब्बे और फंगल इंफेक्शन से परेशान मरीज

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वाराणसी। शहर में इस समय मानसून मेहरबान है। जुलाई की अपेक्षा में अगस्त में अच्छी बारिश हुई है। इसी बीच बारिश के बाद मौसम में नमी की बढ़ोतरी के कारण अस्पतालों में स्किन रोगियों की संख्या बढ़ रही है। इन मरीजों में खुजली, त्वचा में लाल धब्बे, फुंसियों और फंगल इन्फेक्शन एक मरीज हैं। अस्पताल में प्रतिदिन दहाई की संख्या में मरीज आ रहे हैं। 

मंडलीय अस्पताल के स्किन डिपार्टमेंट में इस समय स्किन से संबंधित रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी नजर आ रही है। बारिश और बाढ़ के बाद इस तरह के मरीजों में बढ़ोतरी हो रही है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों से इस तरह के ज्यादा मरीज आ रहे हैं। स्किन के मरीजों में शरीर के विभिन्न हिस्सों में लाल चकत्तों वाले दाने और अन्य एलर्जी से पीड़ित मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। 

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पूर्वांचल व बिहार से ज्यादा आ रहे मरीज

बरसात के मौसम में त्वचा पर होने वाली यह खुजली अक्सर फंगल इंफेक्शन के कारण होती है। यही वजह है कि मानसून के आते ही अस्पतालों में फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन के मरीजों की तादाद में इजाफा होने लगा है। मंडलीय अस्पताल, दीनदयाल अस्पताल व BHU के सर सुंदरलाल अस्पताल के स्किन विभाग में इन रोगों से प्रभावित मरीजों की लाइन लग रही है। इनमें अधिकतर मरीज शहर के ग्रामीण इलाके, पूर्वांचल व बिहार से आ रहे हैं। 

दरअसल, बरसात के बाद नमी में बढ़ोतरी के कारण शरीर में बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं, जो फंगल इन्फेक्शन का कारण बनते हैं। यह इन्फेक्शन किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। साथ ही इसका असर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। 

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इन दवाओं की डिमांड ज्यादा

कबीरचौरा स्थित एक मेडिकल शॉप के ओनर आशुतोष गुप्ता ने बताया कि इस समय स्किन संबंधी दवाओं की सेल बढ़ गयी है। इनमें हाइड्रोक्सीजीन, सेट्रीजिन, लिवोसेट्रीजिन, इट्राकोनाजोल, क्लिंडामायसिन, लिवोसेट्रीजिन एंड मान्टेलुकास्ट जैसी दवाएं डॉक्टर लिख रहे हैं। चूंकि डर्मा की दवाएं महंगी आती हैं, इसलिए दुकानदार कम संख्या में ही मंगा रहे हैं। 

स्किन संबंधी बीमारियों से बचने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए जा सकते हैं:

1. साफ-सफाई का ध्यान रखें: रोज़ नहाएं और त्वचा को अच्छे से साफ करें। पसीने से भरे कपड़े जल्दी बदलें और शरीर को सूखा रखें।

2. सही कपड़ों का चयन करें: हल्के, ढीले और सूती कपड़े पहनें जो पसीना जल्दी सोख लेते हैं। तंग और सिंथेटिक कपड़ों से बचें क्योंकि ये नमी को बनाए रखते हैं।

3. पैरों को सूखा रखें: जूते पहनने से पहले पैर अच्छे से पोंछ लें। गीले जूतों को सूखने के बाद ही पहनें और नियमित रूप से मोजे बदलते रहें।

4. नाखूनों की देखभाल करें: नाखूनों को साफ और छोटे रखें। गंदे नाखून फंगल इन्फेक्शन के लिए संवेदनशील होते हैं।

5. संक्रमित वस्तुओं से बचें: संक्रमित व्यक्ति की तौलिया, कपड़े या जूते का उपयोग न करें।

6. सार्वजनिक स्थानों पर सावधानी बरतें: स्विमिंग पूल, जिम, और सार्वजनिक बाथरूम में नंगे पैर न चलें। सैंडल या चप्पल पहनें।

7. इम्यून सिस्टम को मजबूत रखें: संतुलित आहार लें, जिसमें विटामिन और मिनरल्स की पर्याप्त मात्रा हो। इम्यून सिस्टम मजबूत होने से इन्फेक्शन से बचाव होता है।

8. त्वचा की नमी बनाए रखें: त्वचा को ड्राई और स्वस्थ रखने के लिए मॉइस्चराइजर का उपयोग करें। 

9. डॉक्टर से परामर्श लें: यदि फंगल इन्फेक्शन के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और उचित उपचार करवाएं। 

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