वाराणसी व बनारस के चक्कर में घनचक्कर हो रहे यात्री, रोज छूट रहीं दर्जनों यात्रियों की ट्रेनें
वाराणसी। काशी घूमने आने वाले सैलानी वाराणसी व बनारस के चक्कर में घनचक्कर हो रहे हैं। इसके चलते रोजाना दर्जनों यात्रियों की ट्रेनें छूट रही हैं। उन्हें बनारस स्टेशन से ट्रेन पकड़ती होती है, लेकिन गलतफहमी की वजह से वाराणसी स्टेशन (कैंट) पहुंच जा रहे हैं। ऐसे में ट्रेन छूट जा रही है।
बाबा विश्वनाथ की नगरी तीन नामों से काशी, वाराणसी व बनारस के नाम से जाती जाती है। वाराणसी में तीनों नामों से रेलवे स्टेशन भी हैं। मड़ुआडीह स्टेशन का नाम बदलकर बनारस कर दिया गया है। यह यात्रियों के लिए गलतफहमी की वजह बन रहा। जिन यात्रियों को बनारस स्टेशन से ट्रेन पकड़नी है, वे वाराणसी कैंट स्टेशन पहुंच जा रहे हैं। इसकी वजह से उनकी ट्रेन छूट जा रही है। वाराणसी स्टेशन के पूछताछ केंद्र में रोजाना इस तरह की सैकड़ों शिकायतें आती हैं।
खासकर बनारस-देहरादून जनता एक्सप्रेस, मुंबई जाने वाली कामायनी एक्सप्रेस, गरीब रथ, बुंदेलखंड एक्सप्रेस, काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस, शिवगंगा एक्सप्रेस, बनारस-नई दिल्ली सुपरफास्ट समेत अन्य ट्रेनों के यात्री परेशान होते हैं। कई बार तो यात्री आटो व ई-रिक्शा वालों को बनारस बताते हैं तो वे वाराणसी समझकर उन्हें कैंट स्टेशन छोड़ जाते हैं। यात्रियों को जब तक गलतफहमी का पता चलता है और बनारस स्टेशन आते हैं, जब तक उनकी ट्रेन जा चुकी होती है। इसमें समय और पैसा दोनों बर्बाद होता है।

