इजरायल में युद्ध दिनचर्या का हिस्सा, मोबाइल पर पता चलता है कि बम गिरने वाला है तब होते हैं अलर्ट
वाराणसी। इजरायल में रहने वाले लोगों के लिए युद्ध दिनचर्या का हिस्सा बन गया है। वहां किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता। जब उन्हें पता चलता है कि बम गिरने वाला है तब अलर्ट हो जाते हैं। इसके लिए वहां की सरकार ने सभी के मोबाइल में एक एप डाउनलोड करवाया है। वहीं जो लोग भारत से इजरायल गए हैं, उनको यह सब देखकर काफी डर लगता है। उनके साथ-साथ उनका परिवार जो भारत में है उनको भी काफी चिंता होती हैं, यह कहना हैं इजरायल से वापस आए बीएचयू के शोध छात्र प्रज्ज्वल प्रताप सिंह का। उन्होंने इजरायल-ईरान तनाव के बीच वहां के हालात और रहन-सहन के बारे में बताया।
बीएचयू के शोध छात्र प्रज्ज्वल प्रताप सिंह इसी साल 22 जुलाई को इजरायल गये थे। वहां तेल अवीव यूनिवर्सिटी पोस्ट फेलोशिप के सिलसिले में उनका जाना हुआ था। उन्होंने बताया कि जब हमको आना था तो उसके 10 दिन पहले 1 किलोमीटर दायरे में रेड अलर्ट आने लगा था। इसलिए हमने अपने यूनिवर्सिटी में वर्क फार्म होम के लिए अप्लाई किया तो वहां के प्रोफेसर ने उसके लिए अप्रूव कर दिया और मैं भारत चला आया।
यूनिवर्सिटी में दी जा रही सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग
उन्होंने बताया कि इजरायल में पढ़ने वाले अन्य देशों के छात्रों को किस तरह से बचाव करना है इसके बारे में भी बताया जाता है। ताकि सायरन सुनते ही अपने आप को बचा सकें। अगर आप कहीं इमारत के पास हो तो सेफ रूम की तरफ भागे या फिर अपने सिर को पकड़ कर वहीं बैठ जाएं।
ऐप से मिल जाती है बस अटैक की जानकारी
प्रज्ज्वल प्रताप सिंह ने अपनी मोबाइल में एक ऐप दिखाया, जो इन दिनों इजरायल के रहने वाले हर एक व्यक्ति के मोबाइल में वहां के सरकार द्वारा डाउनलोड कराया गया है। उन्होंने बताया कि ऐप के माध्यम से व्यक्ति को या पता चल जाएगा कि उसके लोकेशन से कितने मीटर के दायरे में बम गिरने वाला है। इजरायल में उस एप को "रेड अलर्ट" नाम दिया गया है। उसमें व्यक्ति को ऐप डाउनलोड करने के बाद अपना लोकेशन डालना रहता है।
ऐप के सायरन से लोग हो जाते हैं अलर्ट
प्रज्ज्वल ने बताया कि ऐप में जो लोकेशन डाला जाता है अगर उसे लोकेशन के 1 किलोमीटर के दायरे में कहीं भी बम गिरने वाला रहता है तो उसमें एक सायरन की आवाज आती है। यह आवाज बम गिरने के डेढ़ मिनट पहले आती है। इस आवाज को सुनने के बाद लोग अपने आसपास बने सेफ हाउस की तरफ दौड़ के पहुंच जाते हैं।
सामान्य चल रहा है इजरायल का मार्केट
प्रज्ज्वल ने बताया कि इजरायल में सब कुछ सामान्य चल रहा है वहां के जो नागरिक हैं उन्हें इसकी आदत सी हो गई है। उन्होंने कहा कि इजरायल में सभी को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग लेना जरूरी है। इसलिए वहां लोग वेल ट्रेंड आर्मी होते हैं। वहां के लोग दिमाग से काफी संतुलित रहते हैं पैनिक नहीं होते हैं। उन्होंने कहा कि सायरन के 10 मिनट तक हमें सिर्फ हाउस में रुकना होता था, उसके बाद वहां का दिनचर्या सामान्य हो जाती थी। इजरायल में कभी कर्फ्यू जैसा माहौल नहीं दिखाई दिया।
डरे थे भारतीय
प्रज्जवल ने बताया कि हम लोग भारत से गए थे, हमने कभी ऐसी परिस्थिति नहीं देखी थी, इसलिए अंदर से थोड़ा डर लग रहा था। उन्होंने कहा कि वहां पर भारत के काफी ज्यादा लोग काम करते हैं। हमने कभी ज्यादा बात नहीं की, लेकिन कुछ लोगों से हमारी मुलाकात हुई। ज्यादातर तो हमारे यूनिवर्सिटी में ही लोग भारत से पहुंचे हुए थे। उन्होंने कहा कि वहां जो मेट्रो लाइन बन रही है। उसमें भारत के मजदूर भी काम करते हैं।
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