कैंट और रथयात्रा पर होगी गंडोला की पार्किंग, बन रहा केबिन गैरेज, स्विटजरलैंड के विशेषज्ञों की देखरेख में बनारस में विश्व के तीसरे अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे का निर्माण

वाराणसी। रोपवे के गंडोला की पार्किंग कैंट और रथयात्रा पर होगी। इसके लिए दोनों स्टेशनों पर केबिन गैरेज का निर्माण कराया जा रहा है। स्विटजरलैंड आधारित कंपनी बर्थोलेट वाराणसी में विश्व के तीसरे और देश के पहले अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे का निर्माण करा रही है। रोपवे का संचालन शुरू होने के बाद काशी की सड़कों पर यातायात का दबाव कम होगा। वहीं जाम की समस्या से भी निजात मिलने की उम्मीद है।
रोपवे कैंट जंक्शन रेलवे स्टेशन से शुरू होकर गोदौलिया तक की यात्रा कराएगा। रोपवे के संचालन के साथ ही इसके पार्किंग स्थल की भी व्यवस्था की जा रही है। दिन भर यात्रियों को सुगम यात्रा कराने के बाद सभी गंडोला को सुरक्षित स्थानों पर पार्क किया जाएगा। इसके लिए कैंट और रथयात्रा पर केबिन गैरेज बनाया जा रहा है।
प्राचीनता के साथ आधुनिक को आत्मसात करती हुई विश्व की सबसे प्राचीन और जीवंत शहर काशी में जल्द ही रोपवे सेवा शुरू होगी। बोलीविया देश के लापाज़ और मेक्सिको के बाद विश्व में भारत तीसरा देश और वाराणसी पहला शहर होगा जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप-वे चलेगा। कैंट से गदौलिया तक की 3.85 किलोमीटर की यात्रा महज 16 मिनट में तय होगी।
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रोपवे में क़रीब 150 ट्रॉली कार चलेगी। संचालनके बाद सभी केबिन कार या गंडोला को सुरक्षित स्थानों पर खड़ा किया जाएगा। नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) के अधिकारियों के मुताबिक कैंट स्टेशन और रथयात्रा स्टेशन पर संचालन के बाद सभी गंडोला को पार्क किया जाएगा।
रोपवे स्टेशन पर केबिन गैरेज की क्षमता और साइज
कैंट स्टेशन केबिन गैरेज़
पार्किंग क्षमता 90 गंडोला
पार्किंग साइज़ 1150 स्क्वायर मीटर
रथयात्रा स्टेशन केबिन गैरेज़
पार्किंग क्षमता 60 गंडोला ( दो सर्विस गंडोला)
पार्किंग साइज़ 148 स्क्वायर मीटर