निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे अभिभावक

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अभिभावक लामबंद होने लगे हैं। अब वह सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहे है। मामला केवल निजी स्कूलों द्वारा आरटीई दाखिला प्राप्त अभिभावकों से अवैध वसूली, एडमिशन फीस मांगने, फी रेगुलेशन एक्ट 2018, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश का पालन सुनिश्चित करवाने मात्र तक समिति नही है बल्कि इस बार निजी स्कूलों ने कानून प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस प्रकार मनमाने तरीके से 10 से 40 प्रतिशत फीस बढ़ाई है उससे अभिभावकों में आक्रोश है। निजी स्कूलों को लेकर बढ़ाई फीस, आरटीई के तहत बच्चों के एडमिशन नहीं होना, हाईकोर्ट के आदेश 15 प्रतिशत फीस वापसी, कोरोना काल की फीस बकाया होने के चलते छात्रों की पढ़ाई रोकने सहित विभिन्न समस्याओं को लेकर अभिभावकों ने मंगलवार को राजातालाब स्थित सम्पूर्णा लान में अभिभावकों की आवश्यक बैठक बुलाई गई।

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इसमें एक दर्जन से अधिक स्कूलों के अभिभावक शामिल हुए और बैठक में अपनी समस्याओं को रखा। सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने बताया कि बैठक में अभिभावकों से चर्चा के बाद निर्णय लिया गया कि कानूनी प्रक्रिया के मुताबिक सभी अभिभावक अपने-अपने स्कूल को शिकायत पत्र लिखेंगे। इसकी प्रतिलिपि शिक्षा विभाग, शिक्षा निदेशक, शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री तक भेजेंगे। शिकायत पत्रों का जवाब नही देने पर बाल अधिकार संरक्षण आयोग को अलग से पत्र लिखा जायेगा। इसके बावजूद अगर सुनवाई नहीं होती है तो हम सभी अभिभावकों को साथ लेकर सड़कों पर उतरेंगे। कानून ने जो अधिकार अभिभावकों को दिए है उसका पालन सुनिश्चित कराने की मांग की जाएगी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने वाले स्कूलों के खिलाफ कोर्ट जाएंगे। राज्य सरकार और शिक्षा विभाग द्वारा कानून का पालन नहीं करवाने के मामले को लेकर भी कोर्ट में अपील करेंगे। कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने पर कार्यवाही की याचिका लगाई जाएगी। अभिभावकों ने कहा कि यह समस्या पिछले कई वर्षो से है।

कई बार अभिभावकों ने शिक्षा विभाग से शिकायत की। लेकिन अब तक शिक्षा विभाग ने किसी भी शिकायत पर कोई कार्यवाही नही की है। अगर शिक्षा विभाग को कानून का पालन ही नही करवानी है तो शिक्षा के अधिकार को लेकर जो कानून बनाए हुए है उन कानूनों को कचरे में क्यों नही डाल देते ? जब स्कूलों की सह पर ही विभाग को काम करना है तो सभी कानूनों को रद्द कर जैसा निजी स्कूल कहेगा वही कानून क्यों नही बना देते ? अगर शिक्षा विभाग ने अभिभावकों की शिकायत पर कार्यवाही नही की तो अभिभावक सड़कों पर उतरने के लिए तैयार हैं। बैठक में राजकुमार गुप्ता के अलावा रामाश्रय प्रजापति, सभे लाल पटेल, संतोष कुमार, पंकज पांडेय, राम सिंह वर्मा, सुनिल कुमार, मनोज विश्वकर्मा आदि रहे। 

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