पद्मभूषण प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी को मिली पण्डितराज की उपाधि 

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वाराणसी। संस्कृत के संवर्धन के उद्देश्य से स्थापित शास्त्रार्थ महाविद्यालय निरन्तर इस क्षेत्र में कार्य कर रहा है। संस्कृत शिक्षा के प्रति समर्पित संस्थाओं प्रादेशिक व राष्ट्रीय स्तर पर विकास किया जाएगा। यह बातें शास्त्रार्थ महाविद्यालय के 79वें स्थापनोत्सव के समापन अवसर पर मंगलवार को मुख्य अतिथि व विधायक डा.नीलकंठ तिवारी ने कही।

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उन्होंने कहा कि महाविद्यालय छात्र हित में अनेक कार्य कर रहा है। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि पद्मभूषण व काशी विद्वत परिषद के अध्यक्ष प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी को काशी के विद्वानों के समक्ष पण्डितराज की महनीय उपाधि से समलंकृत किया गया। उन्हें उपाधि दिये जाते ही पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। संचालन कर रहे डा. गणेश दत्त शास्त्री ने कहा कि पूर्व में भी इस सभागार में विद्वानों को यह उपाधि प्रदान की गयी थी। इस पर प्रो.वशिष्ठ त्रिपाठी ने कहा कि इसी सभागार में पूर्व में संस्थापक पण्डितराज वेणीमाधव शुक्ल व उनके पुत्र पण्डितराज राजनारायण शुक्ल का सानिध्य प्राप्त हुआ था। आज उसी परिकल्पना में यह उपाधि प्राप्त हुई है। पहले भी यहां कई पंडितों ने सभा का आयोजन किया है और देश को अनेक विषयों पर अपने सकारात्मक निर्णय भी प्रदान किये हैं।

सारस्वत अतिथि पद्मश्री शिवनाथ मिश्र ने कहाकि संगीत व संस्कृत का मेल काफी पुराना है। अध्यक्षता कर रहे काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पाण्डेय ने कहा कि हमें इस महाविद्यालय की परम्परा का अनुसरण करके सभी विद्यालयों को संस्कृत की उदात्त परम्परा की रक्षा करनी चाहिए। ऐसे आयोजनों की श्रृंखला से समाज व देश संगठित होता है। इस अवसर पर 15 विद्वानों को अंगवस्त्रम व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इनमें डॉ. कमलेश झा,डा. श्रीभाष्यम पाण्डेय, डा. शेषनारायण मिश्र, आचार्य विकास दीक्षित, पंडित धीरज मिश्र, पंडित अनुज तिवारी, डा. रामकोमल मिश्र, डा. लल्लन द्विवेदी, डा.रामेश्वर ओझा, डा. रामाश्रय शुक्ल, डा. ओंकारनाथ पाण्डेय, डा. शुकदेव त्रिपाठी, डा. लल्लन द्विवेदी, डा. डा. अभिषेक शुक्ल, डा. वीरेंद्र सिंह हैं। धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य पवन कुमार शुक्ल ने किया। प्रारम्भ में आचार्य विकास दीक्षित के नेतृत्व में बटुकों ने मंगलाचरण का पाठ किया। इस दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं के 33 विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया और 7 छात्रों को स्मार्टफोन वितरित किया गया। समारोह में डॉ. आमोद दत्त शास्त्री, डा. अशोक पाण्डेय, प्रो. हरि प्रसाद अधिकारी, प्रो. जयप्रकाश नारायण त्रिपाठी, डा. विनोद राव पाठक, डा. सारनाथ पाण्डेय, डा. उमाशंकर त्रिपाठी, डा. श्रीराम पाण्डेय,कमलेश तिवारी, अभिषेक मिश्र, प्रो. हेतराम कक्षवाह,वागीश्वरी चरण पाण्डेय, बृजेश शुक्ला, जितेंद्रधर द्विवेदी, गिरीश पाण्डेय आदि रहे।

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