नक्सिलयों को कारतूस बेचता था पीएसी का हेड आर्मोरर, कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा

court
WhatsApp Channel Join Now

वाराणसी। नक्सलियों व माफियाओं को कारतूस बेचने वाले 39वीं वाहिनी पीएसी के हेड आर्मोरर रामधनी चौबे को वाराणसी के विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण रजत वर्मा की अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई। साथ ही 1.20 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया। मामला लगभग दो दशक पुराना है। 

39वीं वाहिनी पीएसी मिर्जापुर के सैन्य सहायक परमहंस सिंह ने छह मई 2004 को कटरा थाने में हेड आर्मोरर रामधनी चौबे के खिलाफ कारतूस गबन, कूटरचना, भ्रष्टाचार समेत अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि मिर्जापुर कोतवाली थाना क्षेत्र के ओमनगर बथुआ निवासी रामधनी चौबे वर्ष 1992 से 2000 के बीच पीएसी का हेड आर्मोरर था। इस अवधि में रामधनी ने 99,519 कारतूस गायब कर दिए। बाद में यही कारतूस नक्सलियों को बेचा गया। एम्युनिशन रजिस्टर से कूटरचना का मामला सामने आया था।

मामले की विवेचना यूपी एसटीएफ ने भी की थी। 28 अगस्त 2004 को एसटीएफ के एएसपी मान सिंह चौहान ने आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था। बाद में अभियुक्त रामधनी चौबे ने त्वरित निस्तारण के लिए अपनी पत्रावली अलग करवा ली थी। अदालत ने रामधनी को 10 साल की सजा सुनाई है। हेड आर्मोरर की तरफ से तर्क दिया गया कि अभियुक्त बुजुर्ग और अस्वस्थ है। अभियुक्त को कम से कम सजा दी जाए।

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story