कमिश्नरेट पुलिस ने दो हजार से अधिक ऑनलाइन फ्रॉड का किया निस्तारण, 2.95 करोड़ दिलाए वापस, पुलिस आयुक्त ने दिए ये निर्देश

वाराणसी। कमिश्नरेट पुलिस ने दो हजार से अधिक ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों का निस्तारण कराया। वहीं 2.95 करोड़ रुपये भुक्तभोगियों को वापस दिलाए। पकड़े गए साइबर अपराधियों पर गैंगस्टर समेत गंभीर धाराओं में कार्रवाई की गई। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने साइबर क्राइम के मामलों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने साइबर अपराधियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। साथ ही जागरुकता पर भी जोर दिया, ताकि लोग स्वयं जागरूक रहें और अपराधियों के झांसे में न आने पाएं।
पुलिस आयुक्त ने कहा कि साइबर अपराध से मुकाबले के लिए तकनीक के साथ-साथ जनभागीदारी और सतर्कता अत्यंत आवश्यक है। पुलिस बल इस दिशा में पूर्ण निष्ठा से कार्य कर रहा है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि साइबर थाना द्वारा दर्ज 20 अभियोगों में से 14 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई, जबकि 09 अपराधियों पर गैंगेस्टर एक्ट व 10 पर निरोधात्मक कार्रवाई की गई। 2000 से अधिक ऑनलाइन फ्रॉड मामलों का निस्तारण कर 2.95 करोड़ से अधिक की राशि पीड़ितों को वापस दिलाई गई।
310 संदिग्ध मोबाइल नंबरों की पहचान कर उन्हें ब्लॉक किया गया। सोशल मीडिया पर फर्जी प्रोफाइल्स की 50 से अधिक शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही कर राहत दी गई। 45 से अधिक साइबर जागरूकता शिविरों के माध्यम से 15,000 से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया गया। पुलिस आयुक्त ने निर्देशित किया कि लंबित साइबर फ्रॉड मामलों की शीघ्र विवेचना और राशि की बरामदगी सुनिश्चित की जाए। असफल साइबर फ्रॉड प्रयासों में प्रयुक्त मोबाइल नंबरों की जांच कर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
कहा कि गिरफ्तार अपराधियों की संपत्ति जब्त करने और उनके विरुद्ध हिस्ट्रीशीट खोलने हेतु निर्देश दिए गए। पुलिस कर्मियों को नियमित रूप से साइबर अपराध की नई कार्यप्रणाली पर प्रशिक्षित किया जाए। पुलिस की ओर से “डिजिटल वॉरियर” कार्यक्रम के तहत युवाओं को प्रशिक्षित कर आमजन को जागरूक किया जाएगा। स्कूल, कॉलेजों में कार्यशालाएं व लाइव डेमो के जरिए छात्रों को सतर्क किया जाएगा। सोशल मीडिया, एनीमेशन वीडियो व नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से साइबर सुरक्षा संदेश प्रसारित किए जाएंगे। मीटिंग में अपर पुलिस आयुक्त अपराध राजेश सिंह, पुलिस उपायुक्त सरवणन टी., अपर उपायुक्त श्रुति श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
लोगों के लिए सुझाव
• फर्जी कॉल, लिंक, जॉब ऑफर और भावनात्मक ब्लैकमेल से सतर्क रहें।
• संदिग्ध मामलों में तुरंत हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
• साक्ष्य संजोकर पुलिस को उपलब्ध कराएं।