महाशिवरात्रि पर भव्य पेशवाई, घाटों से राजसी अंदाज में काशी विश्वनाथ धाम पहुंचेंगे नागा साधु, आराध्य की करेंगे आराधना 

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वाराणसी। महाशिवरात्रि पर काशी में अखाड़ों की भव्य पेशवाई (राजसी शोभायात्रा) निकलेगी। सात अखाड़े पांच प्रमुख घाटों से अलग-अलग दलों में देवाधिदेव महादेव के दर्शन को प्रस्थान करेंगे। इनमें से दो अखाड़े नाव के माध्यम से तो बाकी के अखाड़े पदयात्रा करते हुए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचेंगे। बग्घी और घोड़ों पर सवार होकर अखाड़ों के आचार्य महामंडलेश्वर की अगुवाई में नागा साधु-संत राजसी अंदाज में यात्रा करेंगे।

सबसे बड़े जूना अखाड़े के साथ अन्य चार अखाड़े सुबह छह बजे पेशवाई निकालेंगे, जबकि महानिर्वाणी और अटल अखाड़े की पेशवाई दोपहर 12 बजे शुरू होगी। इस ऐतिहासिक आयोजन में पांच हजार से अधिक नागा साधु-संत भाग लेंगे और भगवान विश्वनाथ का दर्शन-पूजन करेंगे। जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज, सुमेरुपीठ के पीठाधीश्वर स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती सहित कई प्रतिष्ठित संत इस पेशवाई में सम्मिलित होंगे। सुबह सात बजे से इन अखाड़ों का श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश गेट नंबर चार से प्रारंभ होगा।

हनुमान घाट से जूना अखाड़े के साथ निरंजनी, आनंद, अग्नि और आवाहन अखाड़ा मिलकर विश्वनाथ मंदिर की ओर प्रस्थान करेंगे। इस भव्य शोभायात्रा का नेतृत्व जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम गिरि महाराज करेंगे। निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद महाराज और आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर बालकानंद गिरि महाराज भी इस यात्रा में शामिल रहेंगे। शोभायात्रा में 12 रथ, डमरू, बैंडबाजे और गाजे-बाजे की भव्य सजावट होगी।

पंचायती अखाड़ा निरंजनी के श्रीमहंत रवींद्र पुरी महाराज ने बताया कि पेशवाई में निरंजनी और आनंद अखाड़े सबसे पीछे चलेंगे। इन अखाड़ों के साथ 500 से अधिक साधु-संत यात्रा करेंगे। शिवाला घाट से महानिर्वाणी और अटल अखाड़े की पेशवाई दोपहर 12 बजे से निकाली जाएगी, जिसका नेतृत्व थानापति विवेक भारती करेंगे।


नाव पर होंगे सवार 
श्री तपोनिधि पंचायती आनंद अखाड़ा और अग्नि अखाड़ा अपनी यात्रा नाव के माध्यम से करेंगे। आनंद अखाड़ा सुबह पांच बजे जौ विनायक घाट (आदि केशव घाट) से, जबकि अग्नि अखाड़ा सुबह चार बजे राजघाट से रवाना होगा। आनंद अखाड़े की पेशवाई दशाश्वमेध घाट से गोदौलिया तक पहुंचेगी, जबकि अग्नि अखाड़ा हनुमान घाट पर पहुंचकर जूना और निरंजनी अखाड़ों के साथ मिल जाएगा। इसी प्रकार, दशाश्वमेध घाट से निकलने वाला आवाहन अखाड़ा गोदौलिया पर जूना अखाड़े के दल में सम्मिलित होगा। दूसरी ओर, शिवाला घाट से निकलने वाली पेशवाई में महानिर्वाणी और अटल अखाड़े शामिल रहेंगे।

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ विश्व भूषण ने बताया कि नागा साधु और संतों को गेट नंबर चार से मंदिर में प्रवेश दिलाया जाएगा। दर्शन-पूजन के बाद वे इसी मार्ग से बाहर जाएंगे। इस विशेष आयोजन के दौरान दो से तीन घंटे तक संतों के दर्शन-पूजन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। इस भव्य आयोजन के चलते काशी नगरी पूरी तरह से शिवमय हो उठेगी, और हजारों श्रद्धालु इस दिव्य नजारे के साक्षी बनेंगे।

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