बसंत पंचमी पर विश्वनाथ धाम में वाग्देवी का वंदन, महादेव का हुआ तिलकोत्सव, गूंजी चारों वेदों की ऋचाएं - Basant Panchami

Basant Panchami
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सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने।

विद्यारूपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोऽस्तुते।।

वाराणसी। बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में मां सरस्वती की विशेष पूजा और आराधना की गई। इस अनुष्ठान में मां सरस्वती के विग्रह का विधिपूर्वक पूजन और अर्चन किया गया।

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इस विशेष पूजा में याजक की भूमिका मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने निभाई। उनके साथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी निखिलेश कुमार मिश्र, अपर पुलिस आयुक्त एस. चिन्नप्पा, डिप्टी कलेक्टर शंभू शरण, विशेष कार्याधिकारी उमेश सिंह, और नायब तहसीलदार मिनी एल. शेखर भी उपस्थित रहे। सभी अधिकारियों ने मिलकर मां सरस्वती से विद्या, बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति की प्रार्थना की।

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महादेव का पंचबदन तिलक उत्सव भी हुआ संपन्न

इस अवसर पर काशी की परंपराओं का ध्यान रखते हुए बाबा विश्वनाथ की पंचबदन रजत मूर्ति का विशेष अलंकरण किया गया और महादेव का तिलक उत्सव भी संपन्न हुआ। तिलक उत्सव के दौरान चारों वेदों की ऋचाओं का पाठ किया गया और महादेव का विधिपूर्वक अभिषेक किया गया। इसके पश्चात महादेव को फलाहार का भोग अर्पित किया गया।

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बसंत पंचमी और मां सरस्वती का विशेष महत्व

बसंत पंचमी को विद्या, कला और संगीत की देवी मां सरस्वती की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। यह दिन विशेष रूप से विद्यार्थियों, शिक्षकों और कलाकारों द्वारा श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती की पूजा करने से बुद्धि का विकास होता है और ज्ञान की प्राप्ति होती है।

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श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था

महाकुंभ 2025 के पलट प्रवाह के कारण काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं की संख्या अत्यधिक बढ़ गई है। इस कारण विशेष सुरक्षा प्रतिबंधों के साथ दर्शन की व्यवस्था की गई। सोमवार को आयोजित इस पूजा में न्यास प्रशासन एवं पुलिस सुरक्षा अधिकारियों द्वारा संपूर्ण आयोजन संपन्न किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं की भावनाओं को प्रतिनिधि रूप में मां सरस्वती और भगवान शिव को समर्पित किया गया।

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