अक्षय तृतीया पर श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी, अक्षय पुण्य की होती है प्राप्ति, जानिये माहात्म्य 

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वाराणसी। वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया के रूप में मनाया जाता है। इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है। काशी में अक्षय तृतीया के अवसर पर भोर से ही श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा स्नान को घाटों पर पहुंचने लगी। लोगों ने गंगा स्नान और दान-पुण्य किया। ऐसी मान्यता है कि अक्षत तृतीया के दिन कमाया गया पुण्य कभी समाप्त नहीं होता। इसलिए इस तिथि विशेष माहात्म्य है। 

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गंगा तीर्थ पुरोहित गंगोत्रि सेवा समिति दशाश्वमेध घाट अजय कुमार तिवारी ने बताया कि वैशाख मास की तृतिया यानी अक्षय तृतीया पर्व स्नान का विशेष महत्व है। ऐसे में गंगा स्नान के माताओं व बहनों की भीड़ उमड़ पड़ी। माताएं गंगा स्नान कर ऋतु फल का दान कर रही हैं और कभी अक्षय न होने वाले पुण्य की भागी बन रही है। 

उन्होंने बताया कि अक्षय तृतीया के दिन जो भी दान-पुण्य अथवा धार्मिक कार्य करते हैं, उससे मिलने वाले पुण्य का कभी क्षय नहीं होता है। अक्षय तृतीया के दिन प्राप्त होने वाले पुण्य की कभी समाप्ति नहीं होती है। इसलिए इस दिन का विशेष महत्व है। गंगा स्नान को लेकर जल पुलिस और एनडीआरएफ अलर्ट रही।

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