मूर्ख दिवस की पूर्व संध्या पर अस्सी घाट पर धुरंधर हास्य महोत्सव, छूटते रहे हंसी के फव्वारे 

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वाराणसी। मूर्ख दिवस की पूर्व संध्या पर रविवार की शाम अस्सी घाट (पुराना) पर वसुधैव कुटुम्बकम के बैनर तले उन्नीसवें धुरंधर हास्य महोत्सव का आयोजन किया गया। लोक साहित्य मनीषी पंडित हरिराम द्विवेदी (साहित्य भूषण) की पावन स्मृति को समर्पित कार्यक्रम का शुभारम्भ उनकी प्रसिद्ध गंगा वन्दना- "मर्यादा है इस देश की पहचान है गंगा" के सामूहिक गान से हुआ। इस दौरान कवियों को मटकी की माला और हास्य चश्मा पहनाया गया। साथ ही उपहार स्वरूप झुनझुना प्रदान किया गया। 
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राजनीति में 'विचाराधारा की शून्यता व स्वार्थ सिद्धि के लिए आए दिन दल-बदलने की बढ़ती परम्परा को देखते हुए इस वर्ष धुरन्धर हास्य महोत्सव का उद्घाटन "यूक चाट करके" तया सामूहिक रूप से "दांत निपोर" करके किया गया। इसके बाद चुनाव सकुशल सम्पन्न होने की कामना से ईवीएम को काला टीका लगाया गया। इसके बाद सह संयोजक रूद्रनाथ त्रिपाठी 'पुंज' ने इवीएम चालीसा का पाठ, लोकनायक तिवारी अनगढ़ (भभुआ) ने भोजपुरी प्रहसन तथा उमेश जायसवाल (बक्सर) ने मिमिक्री प्रस्तुत किया। इस अवसर पर कवियों को मटकी की माला, हास्य चश्मा पहनाया गया और उपहार में अगइम-बगइम सामान व झुनझुना तथा कविता चंदा के रूप में पांच लाख पैसे के इलेक्टोरल बाण्ड दिए गए। वर्ष 2080 में होने वाली परीक्षाओं के लीक होने वाले पर्चे भी श्रोताओ में बांटे गए।

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कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्व विख्यात संगीतज्ञ पद्मश्री राजेश्वर आचार्य ने किया। मुख्य अतिथि संकट मोचन मंदिर के महन्त विश्वम्भर नाथ मिश्र और विशिष्ट अतिथि यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग के सदस्य डा. हरेन्द्र राय थे। वर्ष 2024 का पण्डित धर्मशील चतुर्वेदी स्मृति धुरन्धर हास्य सम्मान हास्य कवि पवन बार्के बिहारी (बंगाल) को पण्डित हरिराम द्विवेदी स्मृति लोक कवि सम्मान कवि डा. कमलेश राय (मऊ) को, पण्डित चन्द्रशेखर मिश्र स्मृति ओज सम्मान कवि अशोक 'अनहद' (लखनऊ) को तथा पण्डित श्रीकृष्ण तिवारी स्मृति गीत सम्मान राजेन्द्र तिवारी लल्लू (मिर्जापुर) को दिया गया। 


धुरन्धर हास्य कवि सम्मेलन में देश के नामचीन कवियों पवन बार्के बिहारी (बंगाल), शंकर कैमूरी (कैमूर), लालू चालीसा फेम सत्येन्द्र दूरदर्शी (छपरा), अशोक अनहद (लखनऊ), हेमन्त निर्भीक (गाजीपुर), डा. कमलेश राय (मऊ), नरसिंह साहसी (मिर्जापुर), राजेन्द्र तिवारी लल्लू (मिर्जापुर), आराधना तिवारी (बिहार), सुनीता दूबे (बिहार), सुरेश अकेला (चन्दौली) सहित स्थानीय कवियों द्वारा काव्यपाठ किया गया। कवि बदरी विशाल ने पण्डित हरिराम द्विवेदी की 'अयुवा' शीर्षक कविता का पाठ किया गया। महोत्सव व कवि सम्मेलन का संचालन डा. नागेश शांडिल्य ने किया। धन्यवाद ज्ञापन जनार्दन 'शांडिल्य' जे किया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों में डा. धर्मप्रकाश मिश्रा, डा. सरोज पाण्डेय, डा. एल. त्रिवेदी, एडवोकेट, संदीप विद्यार्थी, रंजना राय, गोपाल शुक्ला व विनय मिश्रा आदि रहे।

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