महादेव के धाम के श्री हरि की आराधना, अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु के बद्रीनारायण स्वरूप का भव्य श्रृंगार

वाराणसी। अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में स्थित श्रीहरि विष्णु के बद्रीनारायण स्वरूप का भव्य एवं दिव्य श्रृंगार किया गया। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने एक और सनातन परंपरा का अनुकरण करते हुए श्रावण मास तक चलने वाले विशेष ‘कुंवरा’ (Shower) की स्थापना की। इस दौरान विधिविधान से श्री हरि का पूजन-अर्चन किया गया। साथ ही लोक कल्याण की कामना की गई।
श्रावण मास में भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व होता है, और इसी को ध्यान में रखते हुए मंदिर न्यास द्वारा शिवलिंग पर निरंतर जलाभिषेक हेतु परंपरागत कुंवरा लगाया गया है। यह कुंवरा साधना, शीतलता एवं शुद्धता का प्रतीक माना जाता है, जो श्रद्धालुओं के लिए एक गहन आध्यात्मिक अनुभव का माध्यम बनता है। निरंतर जलधारा भगवान विश्वनाथ के विग्रह पर प्रवाहित होती रहती है, जो समस्त भक्तों के लिए ध्यान, भक्ति और समर्पण का वातावरण रचती है।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने इस आयोजन के माध्यम से सनातन संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन की अपनी सतत प्रतिबद्धता को एक बार फिर प्रमाणित किया है। श्रद्धालुओं की सुविधा, भक्ति और आध्यात्मिक अनुभूति को केंद्र में रखते हुए यह पहल हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्रद्धा और विश्वास से पूर्ण रूप में संपन्न की गई।