मॉरीशस पीएम के आगमन पर डिवाइडरों पर शिवालयों की पेंटिंग, सपाइयों ने पेंट कर मिटाई आकृतियां, सरकार पर साधा निशाना

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वाराणसी। मॉरीशस के प्रधानमंत्री के काशी दौरे के बाद शहर के डिवाइडरों पर काशी की संस्कृति और शिवालयों को दर्शाती पेंटिंग बनाई गई थी। इसी का विरोध करते हुए शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने डिवाइडरों पर कलर से पुताई कर पेंटिंग को मिटा दिया और अपना विरोध दर्ज कराया। इस दौरान सरकार पर निशाना साधा। 

 

समाजवादी युवजन महासभा के प्रदेश महासचिव किशन दीक्षित ने कहा कि बनारस देश और प्रदेश की धार्मिक व सांस्कृतिक नगरी है। यहां की संस्कृति और परंपरा को राजनीति के प्रचार का साधन बनाना बेहद आपत्तिजनक है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार और प्रशासन ने डिवाइडरों पर शिवालयों की आकृति बनाकर काशी की आस्था के साथ खिलवाड़ किया है, जिससे शहरवासियों की भावनाएं आहत हुई हैं।

 

किशन दीक्षित ने कहा, “हम समाजवादी पार्टी के नौजवान कार्यकर्ता इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसी कारण आज हमने इन डिवाइडरों को पुताई कर साफ किया है। अगर भविष्य में शासन-प्रशासन ने इस प्रकार की गलती दोहराई तो समाजवादी पार्टी आंदोलन करने को बाध्य होगी।” उन्होंने आगे कहा कि यह मुद्दा केवल काशी की संस्कृति तक सीमित नहीं है, बल्कि लोकतंत्र और जनता की भावनाओं से भी जुड़ा हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा धार्मिक प्रतीकों और आस्थाओं का उपयोग सत्ता के लिए कर रही है, जो कि निंदनीय है।

किशन दीक्षित ने चुनाव व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि हाल ही में वोट चोरी का मुद्दा पूरे देश में चर्चा में है। कई जगहों पर मतदाता सूची में गड़बड़ियां सामने आई हैं, जहां एक ही मकान में 100-100 लोगों के नाम दर्ज पाए गए। यह गंभीर मामला है और चुनाव आयोग को तत्काल संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने मांग की कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता बनी रहे।

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