काशी में सोरहिया मेला का 12वां दिन, प्रतिदिन एक हजार श्रद्धालु मां के चरणों में नवा रहे शीश, दूर-दराज से आते हैं भक्त
वाराणसी। काशी में चल रहे प्रसिद्ध सोरहिया मेले का आज 12वां दिन है, और पूरे क्षेत्र में उत्सव का माहौल छाया हुआ है। लक्ष्मीकुंड स्थित मंदिर में श्रद्धालु और पर्यटक बड़ी संख्या में मेले में उमड़ रहे हैं। आस्थावान अत्यंत भक्तिभाव से मां लक्ष्मी व भगवान विष्णु की आराधना कर रहे हैं। यहां प्रतिदिन एक हजार श्रद्धालु मां के चरणों में नवा रहे शीश नवा रहे हैं।
सोरहिया मेला काशी की परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, जहां हर साल लोग अपनी आस्था और आनंद को साझा करने के लिए एकत्र होते हैं। मेले में स्थानीय हस्तकला, स्वादिष्ट व्यंजन, और पारंपरिक संगीत की धुनें लोगों को आकर्षित कर रही हैं।
लक्ष्मीकुंड स्थित मंदिर में 16 दिनों तक मां लक्ष्मी की आराधना होती है। इसे सोरहिया मेला के नाम से जाना जाता है। यह मेला काशी के लक्खा मेले में शुमार है। इस मेले में दर्शन पूजन के लिए भक्त दूर-दराज से आते हैं।
लक्ष्मीकुण्ड मंदिर के महंत अभिषेक पाण्डेय ने बताया कि यह सोरहिया मेला विश्व भर में विख्यात है। भक्त अपने घर में इसी मेले में से खरीदकर नई मूर्ति अपने घर मसे स्थापित करते हैं और पुरानी मूर्ति को लक्ष्मीकुण्ड स्थित पोखरे में विसर्जित करते हैं। यहां अष्टमी के दिन जिउतिया का पूजन होता है। इस दिन महिलाएं 16 प्रकार का भोजन बनाकर मां को भोग लगाती हैं और उन्हें प्रसंन्न करती हैं। कार्यक्रम के समापन में यहां भव्य आयोजन होता है। तरह-तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति होती है और मां का प्रसाद वितरण होता है।
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