महाशिवरात्रि पर बनारसी ठंडई और भांग का क्रेज, बाबा की बूटी खाकर भोलेनाथ के विवाहोत्सव का जश्न मनाएंगे काशीवासी, विदेशी भी दीवाने 

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वाराणसी। महादेव को प्रिय भांग और बनारसी ठंडई के स्वाद का जादू महाशिवरात्रि पर बनारसियों के सिर चढ़कर बोलेगा। बाबा की बूटी खाकर काशीवासी भोलेनाथ के विवाहोत्सव का जश्न मनाएंगे और उनकी भक्ति में झूमेंगे। पूरी दुनिया में मशहूर बनारसी बनारसी ठंडई व भांग के दीवाने काशीवासियों के साथ ही विदेशी भी हैं। 

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महाशिवरात्रि का पर्व 8 मार्च को मनाया जाएगा। भोलेनाथ की काशी में बाबा के विवाहोत्सव की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। ऐसे में भांग व ठंडई के दुकानदार भी तैयारी में जुटे हैं। भांग व ठंढई की दुकानें सज गई हैं। यहां कई वेरायटी के आइटम सजाए गए हैं, जो लोगो को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।  दुकानदारों ने बताया कि महाशिवरात्रि पर महादेव के प्रसाद के रूप में लोग भांग खाते हैं। ऐसे में विशेष तैयारी की गई है। 

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दुकानदार प्रमोद शुक्ला ने बताया कि भांग बाबा का मुख्य प्रसाद माना जाता है। यह देश के हर शिवलिंग पर चढ़ाया जाता है। महाशिवरात्रि के दिन लोग इसको बाबा के प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। कहा कि महाशिवरात्रि बाबा के विवाहोत्सव के अवसर पर भांग का क्रेज बढ़ जाता है। लोग भांग का सेवन करते हैं। बनारस की ठंडई, भांग, पान और मलइयों की डिमांड बढ़ जाती है। नले

भांग के साथ मेवा, काजू, मुनक्का का स्वाद 
दुकानदार ने बताया कि भांग में मेवा, काजू, मुनक्का समेत अन्य चीजों का मिश्रण कर तैयार किया जाता है। भांग पूरी तरह से नेचुरल होती है, जो ढाई से तीन माह तक खराब नहीं होती है। कहा कि भांग का महत्व देश ही विदेश में भी है।

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