बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के विरोध में काशी विद्यापीठ में NSUI का प्रदर्शन, पुलिस से हुई नोकझोंक
वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में सोमवार को बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान बाग्लादेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए बाहर जाने लगे। इस दौरान पुलिस ने गेट पर रोकने का प्रयास किया। इससे नाराज छात्रों की पुलिस से नोकझोंक हुई। एनएचयूआई ने सरकार से सख्त रूख अख्तियार करने की मांग की।

छात्र परिसर से बाहर निकलकर विरोध दर्ज कराना चाहते थे, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनज़र मौके पर तैनात पुलिस बल ने उन्हें गेट पर ही रोक दिया। इससे नाराज छात्रों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। छात्रों ने आरोप लगाया कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बावजूद उन्हें आगे बढ़ने से रोका गया, जबकि पुलिस का कहना था कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया।

NSUI कार्यकर्ताओं और छात्रों ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा, उत्पीड़न और असुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए नारे लगाए और भारत सरकार से ठोस कूटनीतिक हस्तक्षेप की मांग की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि भारत को अपने पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रभावी पहल करनी चाहिए। प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने भारत सरकार के विदेश मंत्री से भी इस मामले में जवाब मांगते हुए कहा कि हिंदुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है और सरकार को स्पष्ट नीति के साथ कार्रवाई करनी चाहिए। छात्रों ने चेतावनी दी कि यदि इस विषय पर ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा।

हालांकि, पुलिस की समझाइश के बाद स्थिति नियंत्रित रही और किसी प्रकार की बड़ी अप्रिय घटना नहीं हुई। विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी छात्रों से शांति बनाए रखने और अपनी मांगों को लोकतांत्रिक तरीके से रखने की अपील की। एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष ऋषभ पांडेय ने बताया कि “बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार बेहद चिंताजनक हैं। हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि वह इस विषय पर स्पष्ट जवाब दे और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हस्तक्षेप कर हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे।” इस दौरान यूथ कांग्रेस सचिव कुंवर यादव, जिलाध्यक्ष शशांक शेखर, सुमित सिंह, नवीन चौबे, रोनिक सोनकर, आशु पांडेय, जतीन पटेल, गौतम शर्मा, हिमांशु पांडेय, आदर्ष सोनकर, राघवेंद्र सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।

