बीएचयू की जमीन पर अवैध निर्माण के खिलाफ NSUI का प्रदर्शन, प्रशासन पर भू-माफियाओं से मिलीभगत का आरोप

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वाराणसी। NSUI बीएचयू इकाई ने नरिया गेट के समीप विश्वविद्यालय की जमीन पर चल रहे अवैध कब्जे और निर्माण कार्य के खिलाफ जोरदार विरोध दर्ज कराया। प्रशासन पर भू-माफियाओं से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की। चेताया कि यदि अवैध निर्माण नहीं रुका तो संगठन उग्र आंदोलन के लिए विवश होगा। 

NSUI का आरोप है कि यह जमीन महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के आदर्शों और उनके द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय की गरिमा की प्रतीक है, लेकिन कोविड लॉकडाउन के दौरान भू-माफियाओं ने प्रशासन की मिलीभगत से इस जमीन पर अवैध निर्माण शुरू कर दिया, जो अब तक बिना किसी रोक-टोक के जारी है।

छात्र संगठन ने बताया कि यह निर्माण वाराणसी न्यायालय द्वारा 2013 में पारित उस आदेश का उल्लंघन है जिसमें स्पष्ट रूप से इस जमीन पर किसी भी प्रकार के निर्माण पर रोक लगाई गई थी। इतना ही नहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा स्वयं लगाए गए बोर्ड पर भी यह अंकित है कि भूमि पर कोई निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता। बावजूद इसके, पिछले चार वर्षों से यहां मैरेज लॉन और हॉल का निर्माण खुलेआम किया जा रहा है।

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NSUI ने विश्वविद्यालय और जिला प्रशासन की चुप्पी पर भी सवाल उठाया और इसे “मौन सहमति” और “प्रशासनिक निष्क्रियता” करार दिया। संगठन ने तीन प्रमुख मांगें रखी हैं। इसमें नरिया स्थित बीएचयू की जमीन पर हुए अवैध कब्जे की उच्च स्तरीय जांच और भू-माफियाओं को संरक्षण देने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर तत्काल कठोर कार्रवाई व न्यायालय के आदेशों के पालन में अवैध निर्माण को तत्काल प्रभाव से ध्वस्त किया जाए।

छात्र संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन शीघ्र कार्रवाई नहीं करता, तो NSUI विश्वविद्यालय के छात्र समुदाय के साथ मिलकर वृहद आंदोलन शुरू करेगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय और जिला प्रशासन की होगी। NSUI का यह विरोध बीएचयू की गरिमा और महामना के मूल्यों की रक्षा के नाम पर हो रहा है, और यह छात्रों की उस चेतना का प्रतीक है जो संस्थानों की संपत्तियों की रक्षा के लिए आगे आने को तैयार है।

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