अब गांव-गांव मिलेगा सैनिक बनने का प्रशिक्षण, पूर्व सैनिक युवाओं को करेंगे ट्रेंड 

नले
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वाराणसी। देश की सुरक्षा और नागरिक सुरक्षा प्रणाली को और सुदृढ़ बनाने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के तहत अब गांव-गांव में युवाओं को सैनिक बनने का प्रशिक्षण पूर्व सैनिक देंगे। यह पहल सिविल डिफेंस को मजबूत बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई है, जिसमें 1971 भारत-पाक युद्ध के बाद पहली बार पूर्व सैनिकों को फिर से नागरिक सुरक्षा में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए बुलाया गया है।

इस अभियान के तहत पूर्व सैनिक युवाओं को सेना में भर्ती प्रक्रिया, अनुशासन, युद्ध जैसी स्थितियों में बचाव के उपाय और मानसिक मजबूती जैसे विषयों पर प्रशिक्षण देंगे। जिला स्तर पर पूर्व सैनिकों से आवेदन मांगे जा रहे हैं, जिसके लिए वे अपने जिले के सैनिक पुनर्वास कल्याण परिषद कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं और सिविल डिफेंस स्वयंसेवक के रूप में नामांकन की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।

सरकार का मानना है कि पूर्व सैनिकों के पास सैन्य सेवा के दौरान अर्जित अनुशासन, अनुभव और विशेष प्रशिक्षण का अद्वितीय संगम है, जिससे वे आपातकालीन परिस्थितियों में लोगों का मार्गदर्शन कर सकते हैं। उनकी नेतृत्व क्षमता और कौशल आपदा प्रबंधन, चिकित्सा शिविरों की स्थापना और लोगों को सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभा सकती है।

सिविल डिफेंस में शामिल होने वाले पूर्व सैनिक युवाओं को न केवल युद्ध जैसी स्थितियों से निपटने का प्रशिक्षण देंगे, बल्कि उन्हें नागरिकों को सुरक्षित रहने, आपातकाल में व्यवहार करने और राहत कार्यों में सहयोग देने के लिए भी तैयार करेंगे। पूर्व सैनिकों ने भी इस पहल का स्वागत किया है और कहा है कि उन्होंने जो कुछ सेना में सीखा, अब उसे देश सेवा में फिर से लगाने का अवसर पाकर गर्व महसूस कर रहे हैं। कई पूर्व सैनिकों ने नामांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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