अब प्राइवेट ट्रेनिंग सेंटर भी जारी कर सकेंगे ड्राइविंग लाइसेंस, बदली गाइडलाइन
वाराणसी। ड्राइविंग लाइसेंस के लिए लोगों को अब स्लाट का इंजतार और परिवहन कार्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अपने नियमों में संशोधन किया है। इसके तहत प्राइवेट ट्रेनिंग सेंटर को भी ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने का अधिकार दिया जाएगा। प्राइवेट सेंटर चालकों का टेस्ट लेकर उन्हें लाइसेंस जारी कर सकते हैं।
जिन प्राइवेट ट्रेनिंग सेंटर को ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के लिए अधिकृत किया जाएगा, उनके पास कम से कम एक एकड़ जमीन होनी चाहिए। वहीं जो ट्रेनर ट्रेनिंग देंगे, उनके पास कम से कम पांच साल का ड्राइविंग अनुभव, बायोमेट्रिक्स, आईटी सिस्टम की जानकारी होनी अनिवार्य है। ऐसे में लोग अब प्राइवेट सेंटर पर ड्राइविंग का टेस्ट दे सकते हैं। इन सेंटर की ओर से सर्टिफिकेट जारी होने के बाद दस्तावेज और वेरिफिकेशन के लिए आईटीआई परिसर में बने ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में जाना होगा।
एक जून से नियम में बदलाव हो सकता है। इसके लिए प्राइवेट ट्रेनिंग सेंटर को आवेदन करना होगा। परिवहन विभाग के अधिकारी इन स्कूलों की जांच करेंगे। यदि उनके पास मानक के अनुरूप व्यवस्थाएं पाई जाएंगी, तभी उन्हें इसके लिए अधिकृत किया जाएगा।
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