अब पुलिसकर्मियों को सर्विस बुक देखने के लिए नहीं लगाने होंगे बाबुओं के चक्कर, आसानी से दिखाई जाएगी पूरी कुंडली

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वाराणसी। पुलिसकर्मियों को अपनी सर्विस बुक देखने के लिए अब बाबुओं के पास बार-बार नहीं जाना पड़ेगा। पुलिस प्रशासन ने सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक सभी को उनकी सर्विस बुक दिखाने का फैसला लिया है। इस प्रक्रिया को सुचारू रखने और कानून-व्यवस्था में बाधा न आए, इसके लिए हर दिन नाम के पहले अक्षर के आधार पर 200 पुलिसकर्मियों को बुलाया जाएगा।

इसके लिए एक हेल्प डेस्क भी बनाई जाएगी, जहाँ कर्मचारी न सिर्फ पुलिसकर्मियों को उनकी सर्विस बुक दिखाएंगे, बल्कि उनकी समस्याओं के समाधान की दिशा में भी मदद करेंगे।

सर्विस बुक में नौकरी से जुड़ी सभी जानकारियाँ दर्ज होती हैं, जैसे चयन संबंधी आदेश, शैक्षिक प्रमाणपत्र, और विभिन्न स्थानों पर तैनाती का विवरण। जब किसी पुलिसकर्मी का तबादला होता है, तो उनकी सर्विस बुक नए स्थान पर भेज दी जाती है, जिसे देखकर अधिकारी एक नजर में कर्मचारी की पूरी जानकारी प्राप्त कर लेते हैं।

पुलिसकर्मियों को होंगे ये लाभ:

- अपनी आवश्यकतानुसार नामिनी को बदल सकेंगे।

- करेक्टर रोल देखकर यह जान सकेंगे कि उन्हें किस क्षेत्र में सुधार की जरूरत है।

- वे जान सकेंगे कि उनकी सैलरी में किस साल कितनी वृद्धि हुई है।

- उन्हें कितनी बार किस मामले में सजा दी गई है, इसकी जानकारी भी मिल सकेगी।

डीसीपी मुख्यालय प्रमोद कुमार ने कहा कि कई बार पुलिसकर्मी शादी से पहले अपने माता-पिता को नामिनी बनाते हैं, लेकिन शादी के बाद उनकी प्राथमिकताएँ बदल जाती हैं। सर्विस बुक में यह भी पता चलेगा कि पुलिसकर्मी ने कितने दिन की छुट्टियाँ लीं, कितनी बार दंडित हुए, और उनके करेक्टर रोल में क्या लिखा गया है। इन जानकारियों से वे भविष्य की योजनाओं में बदलाव कर सकते हैं।
 

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