अब CBSE में छठवीं के बच्चे पढेंगे विष्णुपुराण, जानेंगे कश्मीर और बंगाल का इतिहास, सिलेबस में किया गया बदलाव
इन विद्यालयों में पहले जहां कक्षा छह के विद्यार्थियों को सोशल साइंस की तीन अलग-अलग किताबें पढ़नी पड़ती थीं, अब इसे एक बना दिया गया है। साथ ही पाठों को भी छोटा कर दिया गया है, ताकि पढ़ने में विद्यार्थियों को ज्यादा समय न लगे और सिलेबस समय से पूरा हो सके। नए पाठ्यक्रम में समय को देखते हुए कई बदलाव किए गए हैं।
सीबीएसई की कोऑर्डीनेटर गुरमीत कौर ने बताया कि सोशल साइंस का पाठ्यक्रम पहले काफी लंबा था और विद्यार्थियों को पढ़ने में परेशानी होती थी। साथ ही उन्हें भारत के बारे में जानकारी नहीं मिल पाती थी, लेकिन अब पांच विषयों पर आधारित पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। पहला पाठ्यक्रम भूगोल का है, इसमें दो अध्याय शामिल हैं। ये पाठ्यक्रम महासागर और महाद्वीप अथर्ववेद के एक उदाहरण से शुरू होता है, साथ ही हमारी सांस्कृतिक विरासत और ज्ञान परंपराएं जैसे पाठ्यक्रम भी पढ़ाए जाएंगे। आज के विद्यार्थियों को अपनी संस्कृति और इतिहास के बारे में बताना जरूरी है। विद्यार्थियों को इन सबकी जानकारी नहीं है। गुरमीत कौर ने बताया कि भारतीय सभ्यता के शुरूआती पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों को बाबरी मस्जिद के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
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