BHU में नई तकनीकी से हृदय की धमनियों का अल्ट्रासाउंड, आसान हो जाएगी एंजियोप्लास्टी
रिपोर्ट- ओमकारनाथ
वाराणसी। आईएमएस बीएचयू के हृदय रोग विभाग में अब नई तकनीक से हृदय की धमनियों का अल्ट्रासाउंड प्रारंभ हो चुका है। इससे हृदय रोगियों के एंजियोप्लास्टी की राह आसान हो गई है। हृदय रोग विभाग में दो मशीन (रोटा प्रो और आईवीयूएस इंट्रावैस्कुलर अल्ट्रासाउंड) लाया गया है। इसके माध्यम से धमनियों के बारीक से बारीक ब्लॉकेज की न केवल जानकारी प्राप्त हो जा रही है, बल्कि इन ब्लॉकेज को इन मशीनों से खत्म कर मरीज की जान भी बचाई जा रही है।
आईएमएस बीएचयू के निदेशक प्रोफेसर एसएन शंखवार ने सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक के पांचवें तल पर स्थित कैथ लैब में मशीन का उद्घाटन किया। इसके लिए हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर ओमशंकर सहित पूरी टीम के प्रयास को सराहा भी था। बीएचयू हृदय रोग विभाग में हर दिन औसतन 20 से 25 मरीजों की एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी होती है। इसमें तीन से चार ऐसे मरीज होते हैं, जिनके धमनियों में ब्लॉकेज के बारे में सही जानकारी नहीं मिल पाती है। इस कारण कभी-कभी मरीजों को बाईपास सर्जरी के लिए दिल्ली, मुंबई सहित अन्य संस्थान में रेफर करना पड़ता था लेकिन, इन मशीनों के आ जाने से धमनियों के ब्लॉकेज के बारे में पूरी बारीकी से जानकारी मिल जा रही है। इसमें लगे उपकरण के माध्यम से अल्ट्रासाउंड कर धमनियों के अंदर जाकर ब्लॉक हुए रास्ते का पता लगाया जा रहा है।
मशीन बंद धमनियों को खोलकर लोगों का जीवन बचाने का कार्य कर रहा है। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर ओमशंकर का कहना है कि आईएमएस बीएचयू यूपी का पहला ऐसा चिकित्सा संस्थान बन गया है जो इस तरह की आधुनिक मशीन और ब्लॉकेज खोलने में सफल हो रहा है। उन्होंने आगे कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश में अब तक ऐसी मशीन नहीं आई है। अब तक मशीन से 30 से 35 मरीज, जिनका पहले अमूमन बाईपास के लिए भेजना होता था, अब एनजीओप्लास्टी से उनके हृदय में रुकावट को दूर किया जा रहा है और सारे के सारे मरीज स्वस्थ और सभी अपने दिनचर्या में व्यस्त हैं। आने वाले कुछ दिनों में और कई मशीन मंगाई जाएगी, जिससे मरीजों को दिल्ली मुंबई सहित अन्य बड़े शहरों के तरफ नहीं जाना पड़ेगा। कम से कम खर्च में उन्हें हर आधुनिक सुविधाएं मिलने लगेंगी।
कोलकाता में मेडिका सुपर स्पेशियलिटी सेंटर के निदेशक डॉक्टर दिलीप कुमार ने भी आईएमएस बीएचयू हृदय रोग विभाग में जुड़ी सुविधा की सराहना की। उन्होंने कैथ लैब में एक मरीज की एंजियोप्लास्टी भी डॉक्टरों के साथ मिलकर की। कहा कि जिस तरह से हृदय रोग के मरीज बढ़ते जा रहे हैं उसे दिशा में यह मशीन बहुत कारगर सिद्ध होगी।
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