'नए भारत की नई खादी' वाराणसी एयरपोर्ट पर स्थापित किया गया 13 फीट ऊंचा स्टील स्मारक चरखा
केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि इस स्मारक चरखे के माध्यम से हमारा उद्देश्य नई पीढ़ी को महात्मा गांधी की परंपराओं से जोड़ना और खादी के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना है। वाराणसी एयरपोर्ट पर स्थापित इस स्टेनलेस स्टील के चरखे की स्थापना दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट और कनॉट प्लेस स्थित चरखा संग्रहालय में पहले से स्थापित स्मारक चरखों की तर्ज पर की गई है। केवीआईसी का यह प्रयास प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए गए विकास कार्यों का प्रतीक है।
अध्यक्ष मनोज कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 'नये भारत की नयी खादी' ने 'आत्मनिर्भर और विकसित भारत' अभियान को नई दिशा दी है। उन्होंने बताया कि चरखे की विरासत को बढ़ावा देने के लिए देशभर में स्मारक चरखों की स्थापना की जा रही है। यह चरखा वाराणसी में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए गए विकास कार्यों का प्रतीक है।
उन्होंने चरखे को भारतीय स्वतंत्रता का महत्वपूर्ण प्रतीक बताते हुए कहा कि यह स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस अवसर पर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, केवीआईसी के सदस्यगण, खादी कार्यकर्ता, कारीगर, और उत्तर प्रदेश खादी व ग्रामोद्योग बोर्ड के अधिकारी भी मौजूद थे।
अध्यक्ष ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में खादी के कारोबार ने 1 लाख 55 हजार करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया है और 10.17 लाख नए रोजगार सृजित हुए हैं। इस क्षेत्र में 5 लाख कारीगर, जिनमें 80 प्रतिशत महिलाएं हैं, खादी को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं।
अनावरण कार्यक्रम में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण वाराणसी के अधिकारी और कर्मचारी, मंडलीय कार्यालय केवीआईसी से जुड़ी खादी की संस्थाओं के प्रतिनिधि, खादी कार्यकर्ता और कारीगर, उत्तर प्रदेश खादी व ग्रामोद्योग बोर्ड एवं केवीआईसी के अधिकारी और कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
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