साइबर ठगों का नया फ़ॉर्मूला, पहलगाम आतंकी हमले के बाद सेना के नाम पर ठगी, एक क्लिक और बैंक अकाउंट हो जाएगा खाली

वाराणसी के साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ मृत्युंजय सिंह ने इस नई जालसाजी तकनीक के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि यह ठगी सामान्य डिजिटल भुगतान (UPI) ऐप्स, जैसे कि GPay, PhonePe आदि के माध्यम से की जाती है। जब कोई व्यक्ति पहली बार किसी नंबर पर ट्रांजैक्शन करना चाहता है, तो ऐप पर दो विकल्प आते हैं—पेमेंट और रिक्वेस्ट। शातिर अपराधी 'रिक्वेस्ट' विकल्प को क्लिक करके एक मैसेज भेजते हैं, जो देखने में ऐसा लगता है मानो आपके खाते में पैसे जमा हुए हैं।
हकीकत में यह एक निवेदन (Request) होता है कि आप संबंधित व्यक्ति को पैसे भेजें। लोग इस भ्रम में आ जाते हैं कि पैसा उन्हें मिला है, और 'Pay' का बटन दबा देते हैं। जैसे ही वे पासवर्ड डालते हैं, उनके खाते से पैसा कटकर सीधे जालसाज के खाते में चला जाता है।
इसके अलावा सोशल मीडिया प्लेटफार्म व्हाट्सएप्प और फेसबुक पर ऐसे ढेरों मैसेज वायरल हो रहे हैं, जिसमें सेना को डोनेट करने की बात की जाती है और एक लिंक दिया जाता है। जैसे ही आप दिए लिंक पर क्लिक करते हैं, आपका अकाउंट खाली हो जाता है।
मृत्युंजय सिंह ने बताया कि इस किस्म की ठगी में भावनात्मक छल का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। साइबर ठग खुद को सेना का जवान बताकर सामने वाले का भरोसा जीतते हैं। पहलगाम जैसी देश को झकझोर देने वाली घटना को वे एक 'भावनात्मक चारा' बना लेते हैं और सोशल मीडिया, व्हाट्सऐप या एसएमएस के जरिए फर्जी डोनेशन लिंक और अपील भेजते हैं।
कैसे बचे इस नए साइबर फ्रॉड से?
साइबर विशेषज्ञों की सलाह है कि जनता को इन भावनात्मक जालों से सतर्क रहना चाहिए। कुछ अहम उपाय इस प्रकार हैं:
1. वीडियो कॉल से सतर्कता: किसी अजनबी व्यक्ति से वीडियो कॉल पर बातचीत करने से बचें, खासकर यदि वह खुद को सेना या किसी संवेदनशील संस्था से जुड़ा बताता हो।
2. सामना करने की शर्त: यदि कोई व्यक्ति किसी सामान को खरीदने या बेचने की बात कर रहा है, तो उसे आमने-सामने मिलने और नकद लेन-देन की शर्त रखें।
3. भ्रमित करने वाले मैसेज से सावधान: अगर आपने गलती से किसी अजनबी के कहने पर पेमेंट ऐप खोला है, तो उसमें अपना बैलेंस न चेक करें। इसके बजाय किसी अन्य सुरक्षित माध्यम (जैसे नेटबैंकिंग या एटीएम) से बैलेंस जांचें।
4. संदेह की स्थिति में कार्रवाई करें: अगर किसी कॉल या मैसेज पर संदेह हो, तो तुरंत कॉल को काटें और नंबर को ब्लॉक कर दें।
5. साइबर पुलिस से करें शिकायत: किसी भी प्रकार के साइबर फ्रॉड की स्थिति में साइबर पुलिस के हेल्पलाइन नं. 1930 पर शिकायत करें।