नवरात्र का समापन: सिंदूर खेला की रंगत में डूबीं बंगाली महिलाएं, खुशहाली की कामना कर माँ दुर्गा को दी गई विदाई

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वाराणसी। नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा-अर्चना के बाद नवरात्र का समापन उत्साहपूर्वक हो गया। दशहरे के साथ विजयादशमी पर इस पावन पर्व का अंत होता है। इसके अगले दिन, बंगाली समुदाय की महिलाओं ने भेलूपुर के जिम स्पोर्टिंग क्लब में एक-दूसरे के साथ सिंदूर खेल कर मां दुर्गा को विदाई दी। 

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इस रस्म के तहत महिलाओं ने मां दुर्गा से प्रार्थना की कि अगले वर्ष भी वे इसी तरह पधारें और साल खुशहाली, प्रगति और शांति से भरा हो। सिंदूर खेला बंगाली समुदाय की महत्वपूर्ण परंपरा है, जिसे हर वर्ष धूमधाम से मनाया जाता है। विवाहित महिलाओं के लिए इसे सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। 

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मान्यता है कि मां दुर्गा दस दिनों के लिए अपने मायके आती हैं, और दशमी के दिन वापस विदा होती हैं। इसी विदाई के समय सिंदूर खेलकर इस परंपरा का पालन किया जाता है, जो विवाहिता महिलाओं के जीवन में समृद्धि लाने का प्रतीक है।
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