Navratra 2024 : आठवें दिन महागौरी की आराधना, मिलता है विशेष फल, मिट जाता है कुंडली का मंगल दोष
वाराणसी। शारदीय नवरात्र के आठवें दिन महाअष्टमी पर देवी महागौरी की पूजा का विशेष महत्व है। शक्ति के उपासक इस दिन सुबह से ही देवी के दर्शन और पूजन के लिए मंदिरों में उमड़ते हैं। वाराणसी के पंचगंगा घाट स्थित प्रसिद्ध मंगला गौरी मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा, जहां देवी महागौरी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। भक्तों के जयकारों से मंदिर प्रांगण गूंजता रहा।
काशी विश्वनाथ धाम के समीप स्थित मां अन्नपूर्णा मंदिर में भी श्रद्धालुओं ने सुख-समृद्धि की कामना के साथ दर्शन-पूजन किया। महाअष्टमी के अवसर पर मां अन्नपूर्णा के दर्शन का विशेष महत्व है। भोर की आरती के बाद मंदिर का पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया, और देर रात तक दर्शन-पूजन का सिलसिला जारी रहेगा।
देवी मंगला गौरी के दर्शन से महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद मिलता है। देवी को अक्षत, सिंदूर, पीले या लाल फूल, चुनरी और नारियल अर्पित करने की परंपरा है। जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष होता है या जिन कन्याओं के विवाह में बाधाएं आती हैं, वे मां मंगला गौरी की पूजा-अर्चना से इस समस्या का समाधान पा सकते हैं। महाअष्टमी के दिन काशी में शक्ति की उपासना का विशेष विधान है। भक्तजन मंदिरों में माता अन्नपूर्णा और महागौरी की पूजा कर परिवार की खुशहाली और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
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