Navratra 2024 : नवरात्र के तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा के दर्शन को लगी भक्तों की कतार, गूंज रही माता की जय-जयकार 

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वाराणसी। चौक क्षेत्र स्थित पक्के महाल की संकरी गलियां शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन श्रद्धालुओं से भर गईं। शनिवार सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें मंदिरों में उमड़ीं, जहां फूलों और पत्तियों से सजे मंदिरों के पट खुलते ही जयकारों की गूंज सुनाई देने लगी। माता चंद्रघंटा और सौभाग्यगौरी के दर्शन के लिए हजारों की संख्या में भक्त पहुंचे और मां की एक झलक पाकर अपने जीवन को धन्य माना।

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माता चंद्रघंटा के प्राचीन मंदिर में मंगला आरती के बाद से दर्शन-पूजन का क्रम शुरू हुआ, जो दिन भर जारी रहेगा। इस दौरान भक्तों ने पूरे श्रद्धा भाव के साथ मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की और सुख, समृद्धि, तथा परिवार की कुशलता के लिए प्रार्थना की। मान्यता है कि माता चंद्रघंटा की कृपा से भक्तों को कल्याण और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यह भी कहा जाता है कि जब तक माता घंटा नहीं बजातीं, यमराज किसी का प्राण नहीं ले सकते।

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काशी के इस पौराणिक मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी हुई है, जो मां के दिव्य दर्शन कर अपने जीवन को सफल बना रहे हैं। शहर के अन्य प्रमुख दुर्गा मंदिरों जैसे दुर्गाकुंड, विशालाक्षी और शैलपुत्री मंदिर में भी भक्तों का तांता लगा हुआ है। पूरे शहर में नवरात्र का उत्साह और श्रद्धा का वातावरण देखने को मिल रहा है।

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नवरात्रि के तीसरे दिन को देवी के तीसरे रूप, माता चंद्रघंटा, को समर्पित माना जाता है। घरों में भी विधि-विधान से मां के तीसरे स्वरूप की पूजा-अर्चना की गई और दुर्गा सप्तशती का पाठ किया गया। काशी में मां के नौ स्वरूपों के दर्शन के अलग-अलग विधान होते हैं, और भक्त श्रद्धा के साथ इन नियमों का पालन कर अपनी श्रद्धा प्रकट कर रहे हैं।

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