नाटी इमली भरत मिलाप : 14 वर्षों के वनवास के बाद आज चारों भाइयों का होगा मिलन, पुष्पक विमान पर सवार होकर अयोध्या पहुंचेंगे रघुनंदन

WhatsApp Channel Join Now

वाराणसी। काशी के लक्खा मेले में शुमार विश्व प्रसिद्ध नाटी इमली का भरत मिलाप रविवार की शाम होगा। इस दौरान कुछ समय के लिए शिव की नगरी काशी राममय हो जाएगी। नाटी इमली ग्राउंड पर सैकड़ों सालों से इस परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है। यहां 1 लाख से ज्यादा राम भक्त और दर्शक आते हैं। जहां पर सूर्य की डूबती किरणों की आभा के साथ भगवान राम और भरत का मिलाप देखते हैं। 


लंका विजय के बाद भगवान राम, माता सीता व लक्ष्मण के साथ पुष्पक विमान से अयोध्या लौटते हैं। चित्रकूट रामलीला समिति की ओर से आयोजित भरत मिलाप में पांच हजार किलो वजनी धातु निर्मित पुष्पक विमान पर सवार होकर भगवान राम माता सीता व भाई लक्ष्मण के साथ पहुंचतें हैं। भगवान राम व लक्ष्मण विमान से उतरकर धरती पर दंडवत होंगे, तभी भरत और शत्रुघ्न की ओर तेजी से दौड़ेंगे। परंपरा के मुताबिक सफेद धोती, साफा, लंबी बनियान व आंखों में सुरमा लगाए यादव इस पुष्पक विमान को उठाते हैं। साथ में काशी राज परिवार बग्घी से चलता है। इस दौरान सड़क के दोनों तरफ, छतों पर और नाटी इमली मैदान में लाखों की भीड़ उमड़ती है। लोग जय सियाराम का उद्घोष करते रहते हैं। वहीं मानस मंडली की ओर से भरत मिलाप के दौरान चौपाई का पाठ किया जाता है।

 
दोनों भाइयों पर पड़ती है सूरज की रोशनी
रविवार की शाम भरत मिलाप होगा। इस समय सूरज की रोशनी सीधी भगवान राम और भरत पर पड़ती हैं। चाहे बारिश हो या बादल छाए हो या बादल, लेकिन सूरज की रोशनी चंद सेकेंड के लिए जरूर पड़ती हैं। भरत मिलाप के दौरान काशी की सभी लीलाएं कुछ समय के लिए रोक दी जाती हैं। काशीराज परिवार की ओर से परंपरा के अनुरूप लीला के व्यवस्थापकों को सोने की गिन्नियां दी जाती हैं।

Share this story