दीपावली पर मुस्लिम महिलाओं ने भगवान श्रीराम की आरती उतारकर दिया सौहार्द्र का संदेश, कहा - राम आरती से मिटेगा नफरत का अंधकार

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वाराणसी। एक ओर जहां देशभर में कुछ कट्टरपंथी गुट नफरत फैला रहे हैं, वहीं काशी की मुस्लिम महिलाओं ने भगवान श्रीराम की आरती कर पूरे देश को सौहार्द्र का संदेश दिया है। लमही के सुभाष भवन में मुस्लिम महिला फाउंडेशन और विशाल भारत संस्थान के तत्वावधान में सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं ने दीप प्रज्वलन कर भगवान श्रीराम की आरती गाई और भाईचारे का प्रतीक स्थापित किया।

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साज-सजावट के साथ रंगोली और दीपों से सजी इस आरती में महिलाओं ने भगवान राम की प्रतिमा को पुष्पों से सजाया। उर्दू में लिखी श्रीराम आरती का गायन करते हुए, मुस्लिम महिलाओं ने यह संदेश दिया कि "राम नाम का दीपक ही नफरत का अंधकार मिटा सकता है।" पातालपुरी मठ के महंत बालक दास जी महाराज ने भी आरती में भाग लेकर सहिष्णुता का संदेश दिया।

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मुस्लिम महिला फाउंडेशन की अध्यक्ष नाजनीन अंसारी ने बताया कि 2006 से भगवान श्रीराम की आरती का आयोजन कर मुस्लिम महिलाएं सांप्रदायिक एकता और सौहार्द्र का प्रतीक बनी हुई हैं। उन्होंने दुनिया के युद्धरत देशों के नेताओं को पत्र लिखकर राम के सिद्धांतों का पालन करने का सुझाव दिया है, जिससे शांति की स्थापना हो और मानवता का प्रचार हो।

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मुख्य अतिथि महंत बालक दास जी महाराज ने इस अवसर पर कहा कि राम का नाम मानवीय मूल्यों का प्रतीक है, और इसे अपनाने से सभी देश शांति और प्रेम की ओर बढ़ सकते हैं। उन्होंने मुस्लिम महिलाओं के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि इससे दिलों को जोड़ने का संदेश पूरी दुनिया में फैलेगा। विशाल भारत संस्थान के अध्यक्ष डॉ. राजीव श्रीगुरुजी ने बताया कि राम के आदर्शों का अनुसरण करके हम सभी के बीच प्रेम और सद्भाव को बढ़ावा दे सकते हैं। 

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इस अवसर पर कई प्रमुख महिलाएं जैसे डॉ. अर्चना भारतवंशी, खुर्शीदा बानो, नूरजहां, अजीजुननिशा, रौशनजहां और अन्य उपस्थित रहीं।
 

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