MRF टायर के डीलरशिप की फ्रेंचाइज़ी दिलाने के नाम पर लगाया 12 लाख का चूना, वाराणसी साइबर पुलिस ने बिहार से तीन को दबोचा

WhatsApp Channel Join Now
वाराणसी। कमिश्नरेट के साइबर थाने की पुलिस ने फर्जी वेबसाइट बनाकर 12 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने वाले तीन आरोपियों को बिहार के शेखपुरा से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके पास से 14 मोबाइल फ़ोन, 1 लैपटॉप, 2 एटीएम कार्ड व अन्य सामान बरामद किए हैं। पुलिस इनके खिलाफ आईटी एक्ट व सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही कर रही है। 

पकड़े गए सभी आरोपी बिहार के शेखपुरा जनपद के रहने वाले हैं। इनके नाम गुलशन कुमार (23 वर्ष), विपिन सिंह (55 वर्ष) व कुंदर कुमार (26 वर्ष) हैं। साइबर पुलिस ने इनके द्वारा पर्युक्त वेबसाइट, बैंक खाते, डोमेन, ईमेल इत्यादि के जरिए सर्विलांस के माध्यम से इनका पता लगाया और दबिश देकर इन्हें गिरफ्तार किया। इन्होने MRF टायर की फर्जी डीलरशिप के लिए दो वेबसाइट बनवाई थी। इन्होने पीड़ित को अपने झांसे में लेकर रजिस्ट्रेशन फीस, सिक्योरिटी फीस, अप्रूवल फीस इत्यादि के नाम पर कुल करीब 12 लाख की धोखाधड़ी की थी।

MRF टायर के नाम से बनवाई थी दो वेबसाइट

पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि धन कमाने के लिए इन्होने MRF टायर के नाम से दो वेबसाइट बनवाई और फ्रेंचाईज़ी के नाम पर लोगों को अपने झांसे में लेना शुरू किया। बताया कि बैंक खातों में दूसरे के नाम पर बैंक में खाते खुलवाते थे और फर्जी आईडी पर सिम खरीदकर लोगों को कॉल पर अपने झांसे में लते थे। 

वेबसाइट पर फर्जी नंबर देकर गूगल रैंक में डालते थे 

तीनों आरोपी पटना व शेखपुरा के विभिन्न स्थानों पर रहकर लैपटॉप व मोबाइल के माध्यम से अपने साथियों के साथ मिलकर साइबर अपराध को अंजाम देते थे। इसके लिए इन्होने वेबसाइट पर फर्जी आईडी का नंबर भी दिया था। जिसके बाद किसी को एम।आर। एफ कंपनी के टायर का फ्रेंचाइजी लेना होता था, गुगल पर सर्च करता था तो इस फर्जी वेबसाइट व नंबर शो करने लगता था, जिसमें डिटेल भरवाया जाता था। डिटेल मिलने के बाद आरोपियों में से कोई एक व्यक्ति फोन करता था। 

बातों में उलझाकर लगाते थे चूना

कॉल करने वाले को बातों में उलझाकर पहले रजिस्ट्रेशन, अप्रुवल फीस, सिक्यूटिटी फीस आदि के नाम पर पैसा विभिन्न खातों में मंगा लेते थे, फिर टायर भेजने के नाम पर बड़ी धनराशि खाते में मंगाते थे और आपस में बांट लेते थे। तीनों आरोपियों में से एक कुंदन कुमार जिन खातों में पैसा आता था, उन खातों में इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैकिंग चलाता था तथा पैसा की निकासी का कार्य करता था। 
 

Share this story