मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर योजना : किसान शहादत देने को तैयार, हाईकोर्ट में 24 को है सुनवाई

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वाराणसी। मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर योजना के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए पहुंची वीडीए की टीम ने जेसीबी से खुदाई शुरू कर दी तो किसान उग्र हो गये। महिला, बच्चों के साथ पहुंचे किसानों के कड़े विरोध के कारण एक बार तो फोर्स को पीछे हटना पड़ा। इसके बाद फोर्स ने लोगों को दौड़ाना शुरू किया और घरों में घुस-घुसकर लाठियां बरसाने लगी।

आरोप है कि पुलिस व पीएसी वालों ने महिलाओं और बच्चों को भी पीटा। इस घटना से किसानों में आक्रोश है। किसानों का कहना है कि वह प्रशासन की दमनात्मक कार्रवाई का विरोध करते रहे। इसके लिए चाहे उन्हें जो भी कीमत चुकानी पड़े। किसानों का नेतृत्व कर रहे मेवा पटेल ने कहा कि ट्रांसपोर्ट नगर योजना में 1194 किसान प्रभावित हैं जिसमें से अब तक 337 किसानों ने मुआवजा लिया है तथा 857 किसान अभी भी मुआवजा नहीं लिए। हम सभी किसान अपनी बहू -फसली भूमि को बचाने के लिए 21 वर्षों से संघर्षरत है।

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यदि हमारी मातृभूमि को बचाने में प्रशासन की गोलियों से छलनी कर दिया जाएगा तब भी हम अपनी जमीन और मातृभूमि को बचाने के लिए शहीद होने के लिए तैयार हैं।  लेकिन अपनी जमीन पर कब्जा नहीं करने देंगे। जबकि प्रशासन ने शासन को उक्त भूमि को छोड़ने, ट्रांसपोर्ट नगर योजना को निरस्त करने और डी नोटिफिकेशन की कार्रवाई करते हुए शासन को रिपोर्ट भेजी थी। परंतु प्रशासन अपनी ही बात से मुकर गया और जबरिया कब्जा कर रहा है। प्रशासन के शासन को भेजे गए डिनोटिफिकेशन कार्रवाई के विरुद्ध हम किसानों ने माननीय उच्च न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर प्रशासन व वीडीए के खिलाफ दमनात्मक कार्रवाई को रोकने की अपील की है।

प्रशासन को न्यायालय का सम्मान करते हुए न्यायालय के आदेश का इंतजार करना चाहिए था। किसान नेता कृष्णा प्रसाद उर्फ छेदी पटेल ने कहा कि यह प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र है जहां किसानों का उत्पीड़न प्रशासन के द्वारा जा रहा है। मौके पर विरोध करनेवालों में कृष्णा प्रसाद उर्फ छेदी, दिनेश तिवारी, हृदय नारायण उपाध्याय, अमलेश पटेल, प्रेम साब, विजय गुप्ता, पंचम गुप्ता, बसंता, बिटुना देवी प्यारी देवी, शांति देवी, कमला देवी, आशा देवी, शीला, सुरेंद्र, राणा चौहान आदि रहे। 
 

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