वाराणसी में मोदी बोले – मैं जाति या धर्म देखकर योजनाओं का लाभ नहीं देता, मेरे देश के 100 प्रतिशत लोग मुझे वोट देंगे
वाराणसी में लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन करने से पहले एक समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा कि वो जहां पले-बढ़े हैं, वहां उनके कई पड़ोसी मुस्लिम हैं। ईद के दिन उनके घर में खाना नहीं बनता था, क्योंकि मुस्लिम परिवारों के घर से उनके यहां खाना आता था। पीएम मोदी ने मुहर्रम का जिक्र करते हुए कहा कि बचपन में वो घर के सामने से जा रहे ताजिया के नीचे से अनिवार्य रूप से निकलते थे।
कांग्रेस घुसपैठियों को बांटेंगी संपत्ति: नरेन्द्र मोदी
चैनल की पत्रकार ने पीएम मोदी से राजस्थान में बीते 21 अप्रैल को एक रैली में दिये गये उनके बयान पर जब सवाल पूछा था, जिसमें उन्होंने कहा था-पहले जब कांग्रेस की सरकार थी, तब उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला हक मुसलमानों का है। इसका मतलब, ये संपत्ति इकठ्ठी कर किसको बांटेंगे, जिनके ज्यादा बच्चे हैं, उनको बांटेंगे। घुसपैठियों को बांटेंगे।
क्या आपकी मेहनत की कमाई का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा। आपको मंजूर है ये। ये कांग्रेस का मेनिफेस्टो कह रहा है। माताओं और बहनों के सोने का हिसाब करेंगे, उसकी जानकारी लेंगे और फिर संपत्ति को बांट देंगे। और उनको बांटेंगे, जिनको मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था कि संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है।
बच्चे उतने हों, जितना लालन पालन कर सको: मोदी
टीवी चैनल के सवाल पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा-‘मैं हैरान हूं। किसने आपको कहा, जब ज्यादा बच्चों की बात होती है तो मुसलमान का नाम जोड़ देते हैं। क्यों मुसलमान के साथ अन्याय करते हैं। हमारे यहां गरीब परिवारों में भी ये हाल है। बच्चों को पढ़ा नहीं पा रहे हैं। किसी भी समाज के हों, गरीबी जहां है, वहां बच्चे भी ज्यादा हैं। मैंने ना हिन्दू कहा है, ना मुसलमान कहा है। मैंने कहा है कि भाई उतने बच्चे हों, जिसका लालन-पालन कर सको। सरकार को करना पड़े, ऐसी स्थिति मत करो।
जाति धर्म देखकर योजनाओं का लाभ नहीं देता: मोदी
मुसलमानों का वोट मिलने के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा-‘मेरे देश के लोग मुझे वोट देंगे। मैं जिस दिन हिन्दू-मुसलमान करूंगा ना, उस दिन मैं सार्वजनिक जीवन में रहने योग्य नहीं रहूंगा। मैं हिन्दू-मुसलमान नहीं करूंगा, ये मेरा संकल्प है। अगर मैं घर देता हूं तो 100 प्रतिशत डिलीवरी की बात करता हूं। कौन समाज है, कौन जाति है, कौन धर्म है, नहीं देखता। जो लाभार्थी हैं, उनको मिलना चाहिए। ये सच्चा सामाजिक न्याय है। ये सच्चा सेकुलरिज्म है।’
बचपन से मुसलमानों से अपने जुड़ाव को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा-‘मेरा जो घर है, अगल-बगल सारे मुस्लिम परिवार हैं। हमारे घर में ईद भी मनती थी, हमारे घर में और त्योहार होते थे। मेरे घर में ईद के दिन खाना नहीं पकता था। सारे मुस्लिम परिवारों से मेरे यहां खाना आ जाता था। जब मोहर्रम निकलता था, तो हम अनिवार्य तौर पर ताजिए के नीचे से निकलते थे। हमें सिखाया जाता था। मैं उस दुनिया में पला-बढ़ा हूं। आज भी मेरे बहुत सारे दोस्त मुस्लिम हैं।’
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