मिजोरम को भी भाने लगा डबल इंजन सरकार का काशी मॉडल

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- पीएम मोदी के नेतृत्व व सीएम योगी के सुशासन के विकास मॉडल की पूरे देश में हो रही चर्चा 

- काशी की तर्ज पर अपने प्रदेश में रोपवे का निर्माण कराना चाहती है मिजोरम सरकार

- मिजोरम सरकार के आइजोल सस्टेनेबल अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने कुछ दिन पहले किया था वाराणसी का दौरा

- काशी में बन रहे देश के पहले और दुनिया के तीसरे अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे के निर्माण की पूरी प्रक्रिया से मिजोरम के अफसर हुए अवगत  

- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विकास के जरिए काशी को विश्व में दिला रहे नई पहचान

- पहले भी वाराणसी का विकास देखने आ चुके हैं कई प्रदेशों के मुख्यमंत्री, आंध्र प्रदेश के आलाधिकारी

- बाबा विश्वनाथ की व्यवस्था देखने भी आ चुके हैं श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सदस्य

- 807 करोड़ से किया जा रहा कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया तक रोपवे का निर्माण


वाराणसी,3अगस्त। मिजोरम सरकार अपने प्रदेश में विकास की संभावना को तलाशते हुए उत्तर प्रदेश के वाराणसी पहुंची थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विकास के रास्ते वाराणसी को विश्व में नई पहचान दिला रहे हैं। इसी की तर्ज पर मिजोरम सरकार भी अब काशी के विकास मॉडल को अपनाना चाहती है। कुछ दिनों पूर्व मिजोरम सरकार की तरफ से भेजे गए आइजोल सस्टेनेबल अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट के 4 अधिकारियों ने वाराणसी का दौरा कर काशी में चल रहे रोपवे के निर्माण की पूरी प्रक्रिया को समझा था। आइजोल सस्टेनेबल अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट (एएसयूटीपी) के तहत रोपवे सिस्टम मिजोरम की राजधानी आइजोल में प्रस्तावित है। कुछ वर्ष पूर्व कई प्रदेशों के मुख्यमंत्री और आंध्र प्रदेश के आलाधिकारी भी वाराणसी के विकास को देखने आ चुके है। यही नहीं, बाबा विश्वनाथ की व्यवस्था देखने श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सदस्य भी काशी आ चुके हैं।
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काशी के रोपवे की तर्ज पर अपने प्रदेश में भी रोपवे का निर्माण कराना चाहती है मिजोरम सरकार

काशी का विकास मॉडल मिजोरम सरकार को भाने लगा है। मिज़ोरम सरकार काशी में निर्माण हो रहे रोपवे की तर्ज पर अपने प्रदेश में निर्माण कराना चाहती है। नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारी  के मुताबिक वाराणसी में हो रहे दुनिया के तीसरे और देश के पहले अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे के निर्माण की प्रक्रिया को समझने के लिए  मिजोरम सरकार के सेक्रेटरी और अर्बन डेवलपमेंट एंड पावर्टी एलिवेशन डिपार्टमेंट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने आइजोल सस्टेनेबल अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट यूनिट मैनेजर के जॉइंट डायरेक्टर और प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर को वाराणसी में चल रहे रोपवे निर्माण की पूरी प्रक्रिया को समझने के लिए भेजा गया था। एनएचएलएम के अधिकारी ने बताया कि आइजोल सस्टेनेबल अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट (एएसयूटीपी) के डायरेक्टर एंड्रिव लालहरुआ और प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर एच.वी.एल. ज़ारज़ोएंगा व दो अन्य अधिकारियो ने अपने दौरे में रोपवे का साइट विजिट करके रोपवे के निर्माण की डिज़ाइन, सुरक्षा प्रोटोकॉल, परिचालन और वित्तीय योजना को विस्तार से समझा।

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महज 16 मिनट में तय होगी वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन से काशी विश्वनाथ मंदिर की यात्रा

रोपवे के जरिए वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन से काशी विश्वनाथ मंदिर के पास तक की यात्रा महज 16 मिनट में तय होगी। रोपवे का निर्माण 807 करोड़ से किया जा रहा है। इसमें लगभग 150 ट्रॉली कार चलेगी। एक ट्रॉली में 10 यात्री बैठ सकते हैं। हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल में यात्रियों को गोंडोला उपलब्ध रहेगी। एक दिशा में एक घंटे में 3000 लोग यात्रा कर सकेंगे यानी 6000 लोग दोनों दिशा से एक घंटे में आ-जा सकेंगे।

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