वाराणसी में शुरू हुई ‘मेरी काशी क्रिएटर्स पाठशाला’, क्रिएटर्स और टूर ऑपरेटर्स को बता रहे स्टोरी टेलिंग का तरीका, नए पर्यटन स्थलों की मिलेगी जानकारी
वाराणसी। पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार से ‘मेरी काशी क्रिएटर्स पाठशाला’ की शुरुआत हुई। आयुक्त कार्यालय परिसर स्थित ऑडिटोरियम में आयोजित इस कार्यक्रम में वाराणसी के यूट्यूबर्स, ब्लॉगर्स और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पाठशाला का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को वाराणसी के धार्मिक, पौराणिक और ऐतिहासिक स्थलों से जुड़ी जानकारियों को स्टोरीटेलिंग के माध्यम से प्रस्तुत करने की कला सिखाना है। आयोजकों का मानना है कि डिजिटल माध्यम से काशी की पहचान को वैश्विक स्तर पर और अधिक मजबूत बनाया जा सकता है।

कार्यक्रम का शुभारंभ जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, मंडलायुक्त एस. राजलिंगम और जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने संयुक्त रूप से किया। इस मौके पर पर्यटन मंत्रालय और अन्य साझेदार संस्थाओं के अधिकारी भी मौजूद रहे। मंडलायुक्त ने बताया कि सांसद टूरिस्ट गाइट कंपटीशन हुआ था। उसमें विजेताओं और वाराणसी के सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर्स के लिए पाठशाला का आयोजन किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य काशी आने वाले श्रद्धालुओं को विश्वस्तरीय अनुभव प्रदान करना है।

काशी आने के बाद श्रद्धालु सामान्य तौर पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करते हैं और गंगा आरती देखते हैं, लेकिन यहां जो असीमित पर्यटन स्थल है उसके बारे में उन्हें जानकारी नहीं मिल पाती है। प्रशिक्षण में ऐसे 170 स्थानों के बारे में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंशर्स को जानकारी देंगे। वहीं किस तरह से वे काशी के ब्रांड एंबेसडर के रूप में काम कर सकते हैं, इसके बारे में बताया जाएगा। वहीं उनके सोशल मीडिया कंटेंट को और बेहतर बनाने के भी टिप्स दिए जाएंगे।

आयोजकों ने बताया कि पाठशाला के दूसरे दिन, गुरुवार को सारनाथ और वाराणसी के टूर ऑपरेटर्स एवं ट्रैवल एजेंट्स के लिए विशेष वर्कशॉप आयोजित की जाएगी। इसमें पर्यटन व्यवसाय से जुड़े 250 से अधिक ऑपरेटर्स हिस्सा लेंगे। यह कार्यशाला पर्यटन मंत्रालय, उत्तर प्रदेश सरकार, वाराणसी टूरिज्म गिल्ड, आईएटीओ (इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स) और एडीटीओआई (एसोसिएशन ऑफ डोमेस्टिक टूर ऑपरेटर्स ऑफ इंडिया) के संयुक्त तत्वावधान में होगी। आयोजकों का कहना है कि इस कार्यक्रम के माध्यम से स्थानीय क्रिएटर्स और टूर ऑपरेटर्स को प्रशिक्षित कर वाराणसी और सारनाथ की पर्यटन क्षमता को नई ऊंचाई दी जाएगी। उम्मीद जताई गई कि पाठशाला के बाद पर्यटन क्षेत्र को डिजिटल माध्यम से एक नई गति मिलेगी।











