ऑपरेशन सिंदूर के समर्थन में मातृ शक्ति ने काशी में निकाली गौरव यात्रा, दिखा देशभक्ति का जज्बा

वाराणसी। “ऑपरेशन सिंदूर” के समर्थन में मातृ शक्ति की ओर से धार्मिक नगरी काशी में एक भव्य गौरव यात्रा निकाली गई। यह यात्रा शहर के ऐतिहासिक शहीद उद्यान से शुरू होकर भारत माता मंदिर तक गई, जिसमें सैकड़ों महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। देशभक्ति के नारों और तिरंगों के साथ सजी इस यात्रा ने वाराणसी की सड़कों पर एक प्रेरणादायक दृश्य प्रस्तुत किया। इस दौरान बनारस की सड़कों पर देश भक्ति का जज्बा दिखा।
गौरव यात्रा में शामिल महिलाओं ने कहा कि अब समय आ गया है जब आतंकवाद के खिलाफ महिलाओं को भी आगे आना होगा। उन्होंने यह संदेश दिया कि आतंकवाद के खिलाफ जागरुकता केवल पुरुषों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि महिलाएं भी इस लड़ाई में सक्रिय भूमिका निभा सकती हैं।
एक महिला प्रतिभागी ने बताया कि रैली का उद्देश्य केवल ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का जश्न मनाना नहीं, बल्कि जन-जागरूकता फैलाना भी है। उन्होंने कहा, "समाज में यह संदेश जाना चाहिए कि आतंकवादी अब कहीं भी घुसपैठ कर कुछ नहीं कर सकते। हम सतर्क हैं, संगठित हैं और साहसी भी।"
इस अवसर पर एक गहरी सांस्कृतिक भावना भी देखने को मिली। महिलाओं ने सिंदूर को नारी शक्ति और आध्यात्मिकता का प्रतीक बताया। एक वक्ता ने रामायण के प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि, "जब राम वनवास पर गए थे, तब माता कौशल्या ने प्रार्थना की थी कि सीता का सिंदूर न भीगे, क्योंकि वह शक्ति और सौभाग्य का प्रतीक है। आज ऑपरेशन सिंदूर उसी भाव का आधुनिक रूप है। यह धर्म, शक्ति और राष्ट्रभक्ति का संगम है।
महिलाओं ने यह भी कहा कि वे अपने बच्चों को ऐसे संस्कार देंगी जिससे वे भविष्य में सजग नागरिक बनें और किसी भी प्रकार के आतंकवाद को जड़ से मिटाने में योगदान दें। उन्होंने सरकार और ऑपरेशन सिंदूर में शामिल सभी सुरक्षाबलों को धन्यवाद दिया और उम्मीद जताई कि देश की सुरक्षा के लिए ऐसे ही साहसिक कदम आगे भी उठाए जाते रहेंगे।
रैली में महिलाओं का जोश, एकजुटता और देशभक्ति का भाव यह साबित करता है कि आतंकवाद के खिलाफ यह सिर्फ एक लड़ाई नहीं, बल्कि जन-आंदोलन बन चुका है। इसमें नारी शक्ति की भूमिका अब पीछे की नहीं, बल्कि बराबरी की है।