वाराणसी में मठ, मंदिर, चेरिटेबल संस्थान और स्कूल होंगे हाउस टैक्स से मुक्त, डिटेल प्रस्तुत करें भवनस्वामी

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वाराणसी। काशी की धार्मिक-सांस्कृतिक गरिमा और जनहित को ध्यान में रखते हुए नगर निगम वाराणसी ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। महापौर अशोक कुमार तिवारी ने निर्देश जारी करते हुए नगर क्षेत्र के सभी सार्वजनिक उपासना स्थलों, चेरिटेबल संस्थाओं, ट्रस्टों एवं विद्यालयों को सामान्य कर (हाउस टैक्स) से पूर्णतः मुक्त किए जाने की घोषणा की है। यह निर्णय काशी की परंपरागत पहचान को संरक्षित रखते हुए सामाजिक और शैक्षिक संस्थाओं को राहत प्रदान करेगा।

नगर आयुक्त ने स्पष्ट किया कि यह कर-छूट नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 177 के अंतर्गत दी जा रही है। उक्त धारा में जिन भवनों और भूखंडों को कर-मुक्त रखने का प्रावधान है, उनमें निम्न श्रेणियां शामिल हैं। पब्लिक वर्शिप (सार्वजनिक उपासना) या दान-धर्म से जुड़े कार्यों हेतु प्रयुक्त भवन एवं भूमि, चेरिटेबल संस्थान, ट्रस्ट एवं सामाजिक सेवा से जुड़े संगठन, विद्यालय और महाविद्यालय सहित शैक्षणिक संस्थान और वे भवन जिनका वार्षिक मूल्य ₹360 या उससे कम हो और भवन स्वामी के नाम शहर में कोई अन्य संपत्ति न हो।

नगर आयुक्त ने बताया कि नगर निगम द्वारा यह प्रक्रिया पूर्व से प्रभावी है, किंतु इसे और अधिक पारदर्शी एवं सुगम बनाने हेतु अब आमजन को विशेष रूप से अवगत कराया जा रहा है। इसका उद्देश्य है कि पात्र भवन स्वामियों को समय से लाभ मिल सके। कर छूट की प्रक्रिया में किसी प्रकार की भ्रम या देरी न हो और नगर निगम के रिकॉर्ड को अद्यतन और स्पष्ट रखा जा सके। 

भवन स्वामियों से अपील
नगर आयुक्त ने नगर क्षेत्र में स्थित सभी पात्र भवन स्वामियों से अनुरोध किया है कि वे अपने भवन से संबंधित पूरा विवरण और आवश्यक अभिलेख निकटतम जोनल कार्यालय में प्रस्तुत करें, ताकि नगर निगम अधिनियम 1959 के नियमों के अनुरूप उन्हें देय कर-छूट का लाभ उपलब्ध कराया जा सके।

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