पूर्वांचल के कई दिग्गज लोकसभा चुनाव में लगा चुके हैं हैट्रिक, वाराणसी में दो सांसदों के नाम दर्ज है यह सुनहरा रिकॉर्ड

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वाराणसी। मई महीने की शुरुआत से ही गर्मी बढ़ने के साथ सियासी तापमान भी हाई है। सभी राजनीतिक दल वोटों को अपने पक्ष में करने के लिए जद्दोजहद में लगे हुए हैं। देशभर में दो चरण का मतदान भी समाप्त हो चुका है। तीसरे चरण के लिए सात मई को मतदान होना है। जबकि चौथे चरण के लिए जोर-शोर से प्रचार भी चल रहा है। 

वाराणसी समेत पूर्वांचल के कई जिले हैं, जहां के नेताओं ने अद्भुत कारनामा कर अपने नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज कराए हैं। सियासी पिच पर हैट्रिक जमाने का मौका बिरले नेताओं को मिला है। वाराणसी के रघुनाथ सिंह एवं शंकर प्रसाद जायसवाल ऐसे ही बिरले हैं, जिनके नाम यह रिकॉर्ड है। जी हां, लोकसभा चुनाव के सियासी पिच पर रघुनाथ सिंह और शंकर प्रसाद जायसवाल के नाम हैट्रिक का खिताब दर्ज है।

वाराणसी संसदीय क्षेत्र से हैट्रिक लगाने का गौरव दो सांसदों को हासिल हुआ है। सबसे पहला नाम रघुनाथ सिंह का आता है। वह 1952, 1957 और 1962 में लगातार कांग्रेस के टिकट पर विजय हासिल कर लोकसभा में पहुंचे। इसके बाद यह उपलब्धि भाजपा के शंकर प्रसाद जायसवाल के खाते में जाती है। उन्होंने 1996, 1998 और 1999 के लोकसभा चुनावों में जीत हासिल की। जबकि पड़ोसी जिले चंदौली के सांसद रहे आनंद रत्न मौर्य का भी नाम हैट्रिक जमाने वालों में आता है। उन्होंने भाजपा के टिकट पर 1991, 1996 और 1998 में लगातार तीन बार सफलता पाई थी।

पूर्वांचल में दो बार चंद्रशेखर ने लगाई थी हैट्रिक

पूर्वांचल में लगातार दो बार हैट्रिक लगाने का अनोखा रिकॉर्ड चंद्रशेखर के नाम दर्ज है। चंद्रशेखर को दो बार हैट्रिक सहित आठ बार सांसद रहने का गौरव हासिल किया। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने बलिया लोकसभा क्षेत्र का आठ बार प्रतिनिधित्व कर क्षेत्र में अपनी लोकप्रियता का लोहा मानवाया। पूर्वांचल के वे इकलौते सांसद रहे, जिन्होंने दो बार जीत की हैट्रिक जमाई। वे 1989 से 2004 तक लगातार छह बार लोकसभा के लिए चुने गए। जबकि इसके पूर्व दो बार उन्होंने 1977 और 1980 में बलिया लोकसभा सीट से विजय हासिल की थी। 1984 में वह कांग्रेस के जगन्नाथ चौधरी से चुनाव हार गए थे। 

कांग्रेस के कल्पनाथ भी लगा चुके हैं हैट्रिक

कांग्रेस के दिग्गज नेता कल्पनाथ राय ने भी लोकसभा चुनाव में हैट्रिक जमाई। घोसी संसदीय क्षेत्र पर उनका 1989 से 1998 तक लगातार कब्जा रहा। इस दौरान वह चार बार लोकसभा के लिए चुने गये। वर्ष 1989 और 1991 में कांग्रेस के टिकट पर, 1996 में निर्दलीय और 1998 में समता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते। जबकि राबर्ट्सगंज संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के रामस्वरूप ने लगातार तीन बार 1962, 1967 और 1971 में विजय दर्ज की। इसके अलावा जौनपुर संसदीय सीट से कांग्रेस के राजदेव सिंह ने तीन बार लोकसभा का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने पहली बार 1963 में उपचुनाव में सफलता पाई। इसके बाद वे 1967 और 1971 के चुनावों में भी विजयी रहे।
 

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