द केरल स्टोरी पर बोले मनोज तिवारी, देश में किसी की बाप की बपौती नहीं संविधान की बपैती है

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वाराणसी। काशी फिल्म संस्था की ओर से वाराणसी में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे मनोज तिवारी ने देश में द केरल स्टोरी को लेकर चल रहे विवाद पर खुलकर अपनी प्रतिक्रिया दी। मनोज तिवारी ने झारखंड के विधायक के द्वारा फिल्म को लेकर धमकी दिए जाने पर कहा कि किसी के बाप की बपौती नहीं देश में संविधान की बपौती है। जो संविधान के तहत हो रहा है किसी का बाप भी उसे नही रोक सकता है। 

मनोज तिवारी ने कहा कि INB की मीटिंग में हम किसी को नहीं रोकते कि वह फिल्म उक्त विषय पर न बनाए। हम उन्हे यह कहते है कि फिल्म के बनने के बाद यदि कथानक को लेकर कोई आरोप और विवाद हुआ तो निर्देशन को उसका जवाब देने के लिए तैयार रहना पड़ेगा। इस देश में कई सारे फिल्मे कई कास्ट और कई कम्यूनिटी को बदनाम करने के लिए बनाई गई। उस समय कोई सवाल नही उठता था,आज हम सत्य का समर्थन कर रहे है। द कश्मीर फाइल्स हो या द केरल स्टोरी, जो पहले से ही डाक्यूमेंट में है, जो वहां के इतिहास में लिखा है, जो वहां के थाने के एफआईआर में दर्ज है, तो उसे बनाने से किसी को रोक नही सकते।

कुछ लोगो को मिर्च इस लिए लग रही है कि वह चाहते थे कि वह ऐसा कर्म भी करे और कोई इसका विरोध भी न करें। अब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश चल रहा है और इसमें तो यह में हो सकता है। अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब है कि जो मीडिया की अभिव्यक्ति है या फिल्म की अभिवक्ति है, उसे अभिव्यक्त करने दी। यदि किसी को लगता है कि गलत बाते दिखाई जा रही है, तो इसके लिए कोर्ट और कानून है। सड़क पर हल्ला करने से कि किसी सिनेमा को ऐसे ही रोक दो कि कुछ लोगो की गलत हरकतों को छुपाकर रखना है, तो यह अब नही हो सकता है।

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